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उधारी के रुपये नहीं लौटा रहा था... किडनैपिंग के बाद आरी से काटकर शव को तलाब में फेंका

दुर्ग जिले में पुलिस ने एक हत्या के मामले को सुलझाते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि उधारी के रुपये वापस लेने के लिए युवक को किडनैप किया गया था. इसके बाद उसकी हत्या कर शव को आरी से काटा और तलाब में फेंक दिया.

किडनैप और हत्या के मामले में तीन आरोपी अरेस्ट किडनैप और हत्या के मामले में तीन आरोपी अरेस्ट
रघुनंदन पंडा
  • दुर्ग,
  • 06 जून 2023,
  • अपडेटेड 6:55 PM IST

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस ने एक हत्या के मामले को सुलझाते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने फिरौती के लिए पहले युवक का अपहरण किया फिर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद शव आरी काटकर टुकड़े किए और बोरे में भरकर तलाब में फेंक दिया.

पुलिस ने पहले हत्या के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया. फिर नागपुर से अन्य दो आरोपियों को पकड़ा. एक जून को पुरानी भिलाई थाना के अंतर्गत एकता नगर की रहने वाली विमला साहू ने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी.

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महिला ने बताया था कि उसका पति ओम प्रकाश साहू 31 मई 2023 की शाम साढ़े सात बजे घर से निकला था. उसके बाद से घर नहीं लौटे. एक जून की सुबह सवा दस बजे पति के मोबाइल से फोन आया. इसमें अज्ञात शख्स ने कहा कि ओम प्रकाश ने डेढ़ लाख रुपये का चूना लगाया है. दो दिन में रुपये नहीं मिले, तो तुम्हारे पति की डेड बॉडी भेज दूंगा. 

किडनैप के बाद युवक की हत्या

पीड़िता की शिकायत मिलते ही पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. जांच के दौरान पुलिस को कुछ मोबाइल नंबर मिले और इसी के आधार पर आशीष तिवारी नाम के युवक की भूमिका के बारे में पता चला. इसके बाद पुलिस ने आशीष को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई.

शुरुआत में तो वह पुलिस को गुमराह करता रहा. मगर, जब पुलिस ने सख्ती की, तो उसने सारा राज खोलकर रख दिया. हत्या के मास्टर माइंड आशीष तिवारी ने बताया कि सेंट्रल जेल में उसकी पहचान ओम प्रकाश साहू से हुई थी. जमानत पर छूटने के बाद ओम प्रकाश ने उसकी जमानत के लिए उसके पिता सूर्य प्रताप तिवारी से 30 हजार रुपये लिए थे, लेकिन उसने जमानत नहीं कराई.

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किडनैप करने के बाद शराब पिलाई 

जेल से बाहर आने के बाद आशीष तिवारी ने ओम प्रकाश से 30 हजार के अलावा अन्य लेन-देन के लगभग डेढ़ लाख रुपये मांगे. ओम प्रकाश ने यह रकम देने से साफ इनकार कर दिया. इसके बाद आशीष ने अपने साथी रजनीश पांडेय और अनुज तिवारी के साथ मिलकर ओम प्रकाश साहू के अपहरण की योजना बनाई. 

ओम प्रकाश का अपहरण करने के लिए आरोपियों ने बीएसएनएल के सिम खरीदे. 31 मई को उसे फोन कर उमदा शराब भट्ठी के पास मिलने के लिए बुलाया. इसके बाद शराब लेकर चारों एक खदान के पास गए, जहां सभी ने बैठकर शराब पी.

नशे में आने के बाद ओम प्रकाश का किया मर्डर

नशा ज्यादा होने के बाद आशीष ने अपने साथियों के साथ मिलकर ओम प्रकाश की हत्या कर दी. फिर शव को वहीं छोड़क फरार हो गए. फिर अगले दिन 1 जून को ओम प्रकाश की पत्नी को ओम प्रकाश के नंबर से फोन कर रुपयों की डिमांड की.

आरी से काटा शव फिर बोरे में डालकर तलाब में फेंका

फिर शाम को बजार से आरी और बोरा खरीदा. लाश के दोनों पैर काटकर बोरे में भरकर फेंक दिए. इसके बाद ओम प्रकाश के स्कूटर से ही शव को लेकर गए और तलाब में फेंक दिया. पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर मृतक का शव के टुकड़े, उसका स्कूटर, मोबाइल और अन्य सामान बरामद कर लिया है. तीनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ करने में जुटी है. 

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