
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के चंदखुरी में रामलला का ननिहाल है. जिसे मां कौशल्या का मंदिर कहा जाता है. यहां रहने वाली संगीत प्रोफेसर ईला मुखर्जी ने तुलसीदास की रामायण रामचरितमानस के सातों अध्यायों को हाथों से लिखा है. ईला मुखर्जी ने बताया कि उन्होंने रामायण लिखना 2004 में शुरू किया था और दिसंबर 2023 में इसको समाप्त किया.
ईला मुखर्जी ने बताया कि उन्हें परिवार की तरफ से पूरा सहयोग मिला. जिसकी वजह से वो यह कार्य कर पाईं. उन्होंने बताया कि वो दिन में कम से कम 20 दोहें लिखती थीं.
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प्रोफेसर ने रामचरितमानस के सातों अध्यायों को हाथों से लिखा
इसके अलावा उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को हमारे प्रभु अयोध्या पधार रहे हैं यह सुनकर मैं बहुत खुश हूं. मेरे राम ने मेरी पुकार सुनी मेरा सपना साकार हुआ. मैंने जो 20 साल से रामायण लिखी उसका आशीर्वाद मुझे प्राप्त हो गया मैं बहुत खुश हूं.
बता दें, अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान शुरू हो गए हैं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले राम मंदिर के गर्भगृह में स्वर्ण द्वार लग गया है. सागौन की लकड़ी पर सोने की परत को चढ़ाया गया है.
प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की शुरुआत हो चुकी है
इस द्वार के ठीक समाने भगवान रामलला का गर्भगृह है, यहीं से भक्तों को रामलला के दर्शन होंगे. प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की शुरुआत हो चुकी है, जो 22 जनवरी तक जारी रहेगी.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं को वाराणसी के आचार्य गणेशवर शास्त्री द्रविड़ और काशी के मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के नेतृत्व में 121 आचार्य पूरी कराएंगे.