
नक्सली देवा को हाल ही में छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में अपराधियों की सबसे मजबूत सैन्य इकाई 'बटालियन नंबर 1' का कमांडर बनाया गया था. संभवतः देवा ही नक्सलियों के उस ग्रुप का नेतृत्व कर रहा था जिसने मंगलवार को सुकमा जिले में सुरक्षा कर्मियों पर हमला किया था. पुलिस ने यह जानकारी दी है. टेकलगुडेम गांव के पास नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ के तीन जवान मारे गए थे. इनमें सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स की जंगल में युद्ध लड़ने के लिए प्रशिक्षित बटालियन CoBRA के दो जवान भी शामिल थे. हमले में पंद्रह अन्य सीआरपीएफ जवान घायल हो गए.
इस सवाल पर कि क्या मंगलवार के हमले के दौरान माओवादी नेता हिडमा मौजूद था, पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी ने कहा कि यह संभव नहीं लगता है. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, 'हिडमा की मौजूदगी की संभावना कम है, लेकिन देवा संभवत: वहां मौजूद था'. आईजी सुंदरराज ने बताया कि देवा को हाल ही में हिडमा की जगह नक्सलियों की बटालियन नंबर 1 का कमांडर बनाया गया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, तथाकथित पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA)) बटालियन नं. 1 ने अतीत में दक्षिण बस्तर में कई घातक हमलों में भूमिका निभाई है.
हालिया मुठभेड़ों के बाद बरामद माओवादी दस्तावेजों से पता चला है कि हिडमा को प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति में पदोन्नत किया गया था और देवा उर्फ बरसे सुक्का, जो दरभा डिवीजन कमेटी का सचिव था, उसको बटालियन नंबर 1 का कमांडर बनाया गया था. पुलिस सूत्रों ने बताया कि हिडमा और देवा दोनों सुकमा-बीजापुर सीमा पर स्थित एक ही गांव पुवर्ती के रहने वाले हैं. पुवराती टेकलगुडेम से लगभग 6-7 किमी दूर है जहां मंगलवार को मुठभेड़ हुई थी. सुरक्षा बलों ने माओवादियों के गढ़ तेकालगुडेम में एक नया कैंप स्थापित किया है. आईजी सुंदरराज ने कहा, पिछले दो महीनों में सुकमा और बीजापुर जिलों में माओवादियों के मुख्य इलाकों में सुरक्षाकर्मियों के 12 नए कैंप (प्रत्येक जिले में छह कैंप) स्थापित किए गए हैं.
पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी ने कहा, 'एक तरह से हम उस क्षेत्र में प्रवेश कर गए हैं जिसे पीएलजीए बटालियन नंबर 1 का बेस कहा जाता है. नक्सलियों के कड़े प्रतिरोध की उम्मीद थी और हम पूरी तरह से तैयार थे. दुर्भाग्य से हमने अपने तीन लोगों को खो दिया, लेकिन हमारे जवानों ने साहसपूर्वक लड़ाई की और उन्हें जवाब दिया, करारा जवाब. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, करीब 4 घंटे तक चली इस मुठभेड़ में कम से कम 7-8 नक्सली मारे गए और 15-16 नक्सली गंभीर रूप से घायल हो गए. हमारे जवानों का मनोबल ऊंचा है और वे और अधिक तीव्रता के साथ क्षेत्र में अपना ऑपरेशन जारी रखेंगे'.
छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक (मध्य क्षेत्र) अमित कुमार, राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (नक्सल विरोधी अभियान) विवेकानंद सिन्हा, आईजी सुंदरराज पी, आईजी सीआरपीएफ साकेत कुमार और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को मुठभेड़ स्थल का दौरा किया. एक पुलिस बयान में कहा गया है कि उपरोक्त अधिकारियों ने टेकलगुडेम कैम्प में जवानों से मुलाकात की. पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा के हवाले से कहा गया कि बस्तर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल क्षेत्र के लोगों को नक्सली खतरे से मुक्त कराने और शांति, सुरक्षा और विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.