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छत्तीसगढ़ में ईडी के छापे से सियासत गरमाई, कांग्रेस ने लगाया केंद्रीय एजेंसी के दुरुपयोग का आरोप

छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले की जांच कर रही ईडी ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है तो वहीं इसे लेकर सियासत भी गरमा गई है. कांग्रेस ने बीजेपी पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने ईडी पर लिखी हुई पटकथा के मुताबिक काम करने का आरोप भी मढ़ दिया है.

प्रवर्तन निदेशालय (फाइल फोटो) प्रवर्तन निदेशालय (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 1:00 PM IST

छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन के सिस्टम को ऑफलाइन करने के मामले की जांच चल रही है. खनिज विभाग के इस फैसले को बड़े घोटाला बताया जा रहा है. इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रही है. ईडी खनिज विभाग के कोयला परिवहन सिस्टम ऑफलाइन करने के फैसले को लेकर अब एक्शन मोड में नजर आ रही है. ईडी ने छत्तीसगढ़ में कई जगह एकसाथ ताबड़तोड़ छापेमारी की है. वहीं, इसे लेकर अब सूबे में सियासत भी तेज हो गई है.

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वहीं, प्रदेश की भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार ने खनिज विभाग में घोटाले के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि कोयला परिवहन ऑफलाइन करने से प्रदेश  सरकार की आमदनी बढ़ी है. खनिज विभाग के मुताबिक प्रक्रिया में बदलाव करने से सरकार को 7 हजार 217 करोड़ रुपये  का राजस्व प्राप्त हुआ है.

आईएएस समीर बिश्नोई के कार्यकाल में कोयला परिवहन व्यवस्था ऑनलाइन के बजाय ऑफलाइन की गई. ईडी ने समीर और दो कारोबारियों को गिरफ्तार भी किया है. छत्तीसगढ़ में ईडी ने कोयला परिवहन व्यवस्था में बदलाव के बाद की परिस्थिति को आधार बनाकर 11 अक्टूबर को कार्रवाई शुरू कर दी थी. ईडी ने दावा किया है कि पारदर्शी ऑनलाइन प्रक्रिया को खत्म करके भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया है. 

ऑनलाइन में आती थीं तकनीकी दिक्कतें

खनिज विभाग ने कोयला परिवहन के ऑनलाइन सिस्टम में बदलाव के पीछे तकनीकी दिक्कतों को वजह बताया है. खनिज विभाग की ओर से कहा गया है कि तकनीकी दिक्कतें बहुत आती थीं जिस वजह से व्यवस्था बदली गई. विभागीय सूत्रों के अनुसार प्रदेश में कोयला खदानों का संचालन और परिवहन केंद्र का उपक्रम एसपीसीएल करता है. एसईसीएल की ओर से पावर और नॉन पावर श्रेणी के उपभोक्ताओं को कोयला दिया जाता है. खनिज ऑनलाइन पोर्टल के तहत ऑटो अप्रूवल e-permit आधारित है और ई ट्रांजिट पास की व्यवस्था में तकनीकी दिक्कतें थीं.

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कोयला खदान संचालक स्कीम के तहत किस उपभोक्ता को कौन से ग्रेड का कोयला भेज रहे हैं उसकी जानकारी फील्ड स्टाफ को नहीं मिल पाती थी. इसी वजह से 15 जुलाई 2020 को परिवहन सिस्टम ऑफलाइन किया गया. इसमें कोयला भेजने का परमिट जारी करने के पहले संबंधित जिले के खनिज अधिकारी को आवेदन और अनुमति का प्रावधान किया गया. ऐसा इसलिए हुआ था कि विभाग का  फील्ड स्टाफ भेजे जा रहे कोयले की समुचित जांच कर सके. ऐसा दावा किया जा रहा है ईडी की टीम तमाम पहलुओं पर जांच कर रही है. 

बीजेपी ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने आरोप लगाया है कि मौजूदा सरकार में भ्रष्टाचार के लिए पूरा रैकेट बना हुआ है. इसमें वरिष्ठ नौकरशाह और व्यापारी से लेकर नेता तक जुड़े हैं. चंदेल ने दावा किया है कि भ्रष्टाचार किस तरह से हुआ ईडी ने इसे लेकर विस्तार से जानकारी दी है. उन्होंने ईडी को निष्पक्ष संस्था बताते हुए कहा कि इसे राजनीति से जोड़ा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. नारायण चंदेल ने ये भी दावा किया कि भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी के आरोप पर खुद इस सरकार के मंत्री भी मोहर लगा चुके हैं. चंदेल ने ये भी सवाल किया कि ईडी की कार्रवाई से मुख्यमंत्री इतना विचलित क्यों हैं

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कांग्रेस ने किया पलटवार

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बीजेपी पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगया है. उन्होंने कहा कि ईडी के जिस कथित प्रेस नोट का हल्ला इन लोगों में मचा है, वह सबसे पहले रमन सिंह ने रात लगभग 9:00 बजे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया था जबकि ईडी की वेबसाइट पर आखिरी प्रेस नोट 13 अक्टूबर को अपलोड हुआ था. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि रमन सिंह ने ही फर्जी प्रेस नोट बना कर प्रचारित किया. जो रमन सिंह और बीजेपी की ओर से कहा जाता है, दो दिन बाद ईडी भी वही कहती है. यह लिखी गई पटकथा पर काम करने जैसा है.

इनपुट- श्री प्रकाश तिवारी

 

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