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प्रभु जी इधर भी देखिए, रेल इंजन के भीतर आ रहा है बारिश का पानी

बारिश का पानी कभी इंजन के शीशे से अंदर आता है तो कभी छतों से रिसने वाले पानी से ड्राइवर भीग रहा है. इस तरह से इंजन के भीतर पानी का दाखिल होना खतरनाक साबित हो सकता है. हाल ये है कि भींगने से बचने के लिए ड्राइवर को कभी इंजन के भीतर छतरी लगानी पड़ती है, तो कभी रेनकोट तक पहनना पड़ता है.

बारिश के पानी से बर्बाद हो रहा है रेल इंजन बारिश के पानी से बर्बाद हो रहा है रेल इंजन
केशव कुमार/सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 05 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 12:02 AM IST

आपने स्कूलों, सरकारी इमारतों और घरो की टपकती हुई खबरे देखी होगी. मगर यहां बिलासपुर और रायपुर रेल मंडल के इंजनों की छतें भी बारिश में टपक रही है. ट्रेन के ड्राइवर को कभी छतरी लगाकर तो कभी रेन कोर्ट पहनकर इंजन दौड़ाना पड़ रहा है. ऐसे में किसी रेल दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता.। रेलवे ड्राइवर एसोसिएशन ने मामले में रेल मंत्री सुरेश प्रभु से तत्काल दखल की मांग की है.

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इंजन में भींगते हैं ड्राइवर
बारिश का पानी कभी इंजन के शीशे से अंदर आता है तो कभी छतों से रिसने वाले पानी से ड्राइवर भीग रहा है. इस तरह से इंजन के भीतर पानी का दाखिल होना खतरनाक साबित हो सकता है. हाल ये है कि भींगने से बचने के लिए ड्राइवर को कभी इंजन के भीतर छतरी लगानी पड़ती है, तो कभी रेनकोट तक पहनना पड़ता है. ड्राइवर के मुताबिक इस तरह के हालातों के चलते न केवल उनकी बल्कि यात्रियों की जान भी जोखिम में है.

ड्राइवर ने बताया कि कई बार वो ट्रेनों के इंजन की खस्ता हालत के बारे में जानकारी उच्च अधिकारियों को दे चुके हैं, लेकिन न तो शीशे से पानी का भीतर आना बंद हुआ और न ही इंजन की छतों का टपकना. समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर कैसे इन इंजन का मेंटनेंस हो रहा है. ड्राइवर ने इस तकलीफ से अब अपनी यूनियनंस को वाकिफ कराया है. वो भी यह कहते हुए कि वो ड्यूटी के दौरान रोजाना इंजन के भीतर ही नहा रहे हैं. हालांकि रेलवे के कायदे-कानूनों से बंधे होने के चलते वो अपनी समस्या मीडिया से शेयर नहीं कर पा रहे हैं.

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70 से ज्यादा रेल इंजन की हालत खस्ता
बिलासपुर और रायपुर रेल मंडल के 70 से ज्यादा ऐसे इंजन है जिनके भीतर ड्राइवर को रेनकोट और छतरी लगाकर बैठना होता है. यही नहीं बारिश का पानी इंजन के भीतर भर जाने से मशीन और उपकरण खराब हो रहे हैं. ड्राइवर यूनियन ने बताया है कि ऐसे हालात में ट्रेनों को तेज या नियमित रफ्तार में दौड़ाना बड़ा जोखिम भरा है. ऊपर से ट्रेनों को समय पर पहुंचाना दुर्घटना को भी न्योता दे रहा है.

रेल मंत्री से दखल देने की मांग
ऑल इंडिया लोकोमोटिव ड्राइवर एसोसिएशन बिलासपुर के सेकेट्री ऐ. के. सिंह ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. उधर रायपुर रेल मंडल के डीआरएम राहुल गौतम का दावा है कि मानसून आने के पहले तमाम इंजनों का मेंटनेंस किया जाता है. उनके मुताबिक ट्रेन के इंजन को बारिश के पानी से होने वाले नुकसान के मद्देनजर कई तरह की टेस्टिंग की जाती है, लेकिन इन सब के बावजूद इंजनों की हकीकत आपके सामने है.

बारिश के पानी से बेहाल इंजनों का उपयोग सवारी गाड़ियों और मालवाहक दोनों ही ट्रेनों में हो रहा है. यात्रियों की असुविधा को ध्यान में रखते हुए ड्राइवर ट्रेनों को कभी मध्यम तो कभी तेज गति से दौड़ा रहे हैं. ऐसे में ये बारिश कभी भी खतरनाक साबित हो सकती है.

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