
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में रविवार को 32 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया. इनमें से चार के सिर पर सामूहिक रूप से चार लाख रुपये का ईनाम था. दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 10 महिलाएं शामिल हैं, जिन्होंने पुलिस की पुर्नवास नीति से प्रभावित होकर सरेंडर करने का फैसला किया. आत्मसमर्पण करने वाले कैडर्स ने माओवादी विचारधारा को खोखला करार दिया.
एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले इन 32 लोगों में 19 बकेली गांव, 4 कोरकोट्टी और बाकी तीन तीन लोग उदेनार, तुमरीगुंडा और मतासी गांव के रहने वाले हैं. सुरक्षा के मसले को देखते हुए पुलिस ने इनकी पहचान को उजागर नहीं किया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार अभिषेक पल्लव ने बताया कि ये कैडर दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन, क्रांतिकारी महिला आदिवासी संगठन, माओवादियों के नॉर्थ फ्रंटल विंग, चेतना नाट्य मंडली (माओवादियों का सांस्कृतिक दल) और जनताना सरकार समूह से जुड़े हुए थे.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सभी पर पुलिस टीम, पोलिंग पार्टी पर अटैक और आईईडी विस्फोट का आरोप है. इनमें से चार पर एक-एक लाख रुपये का ईनाम घोषित किया गया था.
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जारी बयान के मुताबिक ये कैडर माओवादी विचारधारा से निराश हो चुके थे और हाल ही में स्थानीय पुलिस के लोना वरातु अभियान के हिस्से के रूप में उनके सहयोगियों द्वारा आत्मसमर्पण ने उन्हें प्रतिबंधित संगठन को छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्हें 10,000 रुपये की तत्काल सहायता दी गई और उन्हें सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.