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बागेश्वर धाम को नहीं जानता, पूछूंगा- कैसे करते हैं चमत्कार? धीरेंद्र शास्त्री पर बोले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री, उनके चमत्कार और जोशीमठ को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में ऐसे कई लोग हैं, जो चमत्कार दिखा रहे हैं और जनता को ठग रहे हैं. उन्होंने आगे कहा- जोशीमठ का मामला बहुत बड़ा हो गया था. सभी का ध्यान भी उसी तरफ जा रहा था. ऐसे में ध्यान भटकाने के लिए ये किया गया.

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बागेश्वर के पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर सवाल खड़े किये हैं. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बागेश्वर के पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर सवाल खड़े किये हैं.
aajtak.in
  • रायपुर,
  • 24 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:55 AM IST

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने एक बार फिर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर बड़ा बयान दिया है. अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हमारे देश में ऐसे कई लोग हैं, जो चमत्कार दिखा रहे हैं और जनता को ठग रहे हैं. हमने उन सभी लोगों के लिए कहा है कि जो भी चमत्कारी हैं, वो आगे आएं और जोशीमठ की दरारें ठीक करें. शंकराचार्य ने धर्म, चमत्कार, राजनीति के मुद्दे पर बेबाक प्रतिक्रिया दी है.

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बता दें कि इससे पहले जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का नाम लिए बिना चुनौती दी थी और कहा था कि चमत्कार दिखाने वाले जोशीमठ में धंसती हुई जमीन को रोककर दिखाएं, तब उनके चमत्कार को मैं मान्यता दूंगा. वहीं, धीरेंद्र शास्त्री ने शंकराचार्य के इस बयान को लेकर प्रतिक्रिया दी थी और सिर्फ इतना कहा था कि वो उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं.

अब 'आजतक' से खास बातचीत में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हम बागेश्वर धाम से परिचित नहीं हैं. कुछ लोगों ने कहा कि वहां चमत्कार हो रहा है तो हमने कहा कि अगर ऐसा है तो वो जोशीमठ में आएं और दरारें ठीक कर दें. हमारा मतलब किसी व्यक्ति से नहीं था. उन्होंने कहा कि हमने उन सभी लोगों के लिए कहा है जो चमत्कारी हैं, वो आगे आएं और जोशीमठ की दरारें ठीक करें.

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शंकराचार्य ने आगे कहा- हमारे लोगों ने हमें बताया कि वह हमसे मिलने आने वाले हैं. अगर वो हमारे पास आते हैं और चमत्कार की बात स्वीकारते हैं तो हम उनसे पूछेंगे कि उन्होंने कौन-सी साधना की है? किस शास्त्र और परंपरा के अनुसार उन्होंने साधना की है, उन्हें कौन सी सिद्धियां मिली हैं. जिस आधार पर चमत्कार की बात कर रहे हैं.  


ये भी देखेंः बागेश्वर धाम के समर्थन में द्वारिका पीठ के शंकराचार्य, पूछा- कौन सी ठगी कर रहे हैं पंडित धीरेंद्र शास्त्री 

'जोशीमठ की समस्या से भटकाया ध्यान'

शंकराचार्य ने कहा कि जोशीमठ का मामला बहुत बड़ा हो गया था. सभी का ध्यान उसी तरफ जा रहा था, ऐसे में ध्यान भटकाने के लिए ये किया गया है. जब हमारे यहां जब कोई बड़ी समस्या आती है तो ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की छोटी-छोटी चीजें बहुत बड़ी बनाकर पेश की जाती हैं. अब सब लोग जोशीमठ को भूल गए हैं, जबकि वह बड़ी समस्या है, सभी का ध्यान इस ओर आकर्षित कर दिया गया है. इससे देश को क्या लाभ हो रहा है?

'हर जगह पॉलिटिक्स हो रही'

क्या इस चमत्कार में भी राजनीति है? इस सवाल के जवाब में शंकराचार्य ने कहा कि अब राजनीति कहां नहीं रह गई है, हर जगह पॉलिटिक्स हो रही है. शंकराचार्य इन दिनों छत्तीसगढ़ में हैं. उन्होंने राजनीति से प्रेरित धर्मांतरण और धर्म के नाम पर वोट बैंक की राजनीति को लेकर भी प्रतिक्रिया दी है. साथ ही कहा कि धर्म के नाम पर कुछ लोग गंदगी फैला रहे हैं.

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ये भी देखेंः  'चमत्कार दिखाने वाले जोशीमठ की धंसती जमीन रोककर दिखाएं', शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती 

अखंड भारत पर ये बोले शंकराचार्य

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने अखंड भारत पर चर्चा की और पाकिस्तान को भारत में मिलाने की बात कही. साथ ही कहा कि अगर मुसलमान भारत में रहकर खुश हैं तो अलग मुसलमान राष्ट्र बनाने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है. ऐसे में अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान समेत दूसरे देशों को भी भारत में शामिल हो जाना चाहिए. इस तरह से अखंड भारत का सपना पूरा हो सकेगा.

पाकिस्तान पर भी शंकराचार्य ने दिया था बयान

पिछले दिनों जबलपुर में शंकराचार्य ने कहा था कि जब अंग्रेज भारत छोड़कर गए थे, उस समय मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा था कि मुसलमानों को अलग कर दिया जाए, क्योंकि वह अपनी धरती पर जाकर खुश रहेंगे. इसलिए भारत के टुकड़े किए गए थे और पाकिस्तान बनाया गया था, लेकिन उस समय भी कुछ मुसलमान भारत में ही रह गए. यदि उन्हें यहां सुख और शांति की प्राप्ति हो रही है तो फिर पाकिस्तान बनाने की क्या आवश्यकता है. इसलिए एक बार इस मामले में पुनर्विचार किया जाए और फिर से अखंड भारत का निर्माण किया जाए. 

(रिपोर्ट- मनीष सरन)

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