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धर्म फुटबॉल है, साई बाबा नागरिक और बजरंग दल... शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने इन मुद्दों पर दिखाई तल्खी

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले पहुंचे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बजरंग दल, धर्मांतरण, विनय कटियार और साई बाबा पर अपनी प्रतिक्रिया दी. धर्मांतरण के मामले पर उन्होंने कहा कि ये केवल राजनीतिक कारण से हो रहा है. वहीं, साई बाबा को उन्होंने देश का नागरिक बताया.

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती.
रघुनंदन पंडा
  • दुर्ग ,
  • 06 मई 2023,
  • अपडेटेड 1:30 AM IST

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती शनिवार को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई पहुंचे. यहां उन्होंने बजरंग दल, धर्मांतरण, विनय कटियार और साई बाबा को लेकर बड़ा बयान दिया. कहा कि धर्मांतरण धार्मिक कारण से नहीं केवल राजनीतिक कारण से हो रहा है. ऐसे लोग चाहते हैं कि विश्व में केवल उनके धर्म के लोग ही हो जाएं. 

शंकराचार्य ने कहा कि धर्मांतरण का विरोध भी धार्मिक कारण से नहीं हो रहा है. वह भी एक राजनीति कारण से किया जा रहा है. किसी की धर्मांतरण करके राजनीति सफल हो रही है तो कोई धर्मांतरण का विरोध करके राजनीति कर रहा है. सब चीजें राजनीति के लिए हो रही हैं. धर्म के लिए कुछ नहीं हो रहा है.

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'विनय कटियार की उपेक्षा हो रही है'

अविमुक्तेश्वरानंद ने विनय कटियार को लेकर भी बड़ा बयान दिया. कहा कि पहले राम जन्मभूमि आंदोलन में बजरंग दल (Bajrang Dal) की बड़ी भूमिका थी. विनय कटियार उसके अध्यक्ष थे, लेकिन अब राम मंदिर बन रहा है तो विनय कटियार की उपेक्षा हो रही है.

'उन्हीं लोगों ने कटियार के योगदान को नकारा'

हम पूछना चाहते हैं कि उनकी उपेक्षा क्यों हो रही है? इसका मतलब यह है कि जो लोग मंदिर बना रहे हैं, उन्हीं लोगों ने उनके योगदान को नकार दिया है. साई बाबा के बारे में शंकराचार्य ने कहा कि वो भारत के नागरिक थे. अपना जीवन जीये और चले गए. 

धर्म फुटबॉल हो गया है- शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि धर्म फुटबॉल हो गया है. कोई इधर से किक मार रहा है कोई उधर से. बजरंग दल एक संस्था का नाम है. संस्था का नाम रखने से कोई बजरंगबली नहीं हो जाता है. संस्था जैसा काम करेगी, वैसे ही उसकी छवि होगी.

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