
छत्तीसगढ़ के सुकमा (Sukma) में होली के मौके पर आदिवासी समाज की अनोखी परंपरा का चलन है. यहां लोग दहकते अंगारों पर चलते हैं. इसके पीछे यहां ग्रामीणों की मान्यता है कि ऐसा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और अंगारों पर चलने से नुकसान भी नहीं पहुंचता. यहां हर बार की तरह इस बार भी ये परंपरा निभाई गई, जिसका वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग दहकते अंगारों पर नंगे पैर चल रहे हैं.
यहां देखें Video
लोगों का कहना है कि सुकमा के आदिवासी अंचल में 800 वर्ष से होलिका दहन के मौके पर पेंदलनार गांव में आदिवासी होली मनाई जाती है. ग्रामीण होलिका दहन के बाद दहकते अंगारों पर नंगे पैर चलते हैं. इसके बाद दूसरे दिन उसी राख से होली खेलते हैं. सुकमा जिले का जो वीडियो वायरल हो रहा है, वो पेंदलनार गांव का है. यहां बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर लोग अपनी कामना लेकर आते हैं. जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है तो दोबारा फिर आते हैं और नंगे पैर आग पर चलते हैं. कुछ आस्थावान लोगों ने कहा कि नंगे पैर दहकती आग पर चलने से पैर को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचता. सुख-शांति और स्वस्थ रहने के लिए वर्षों से ये परंपरा चलती आ रही है.
इस परंपरा से गांव में सुख-शांति बनी रहती है. ये प्रथा इसी गांव में है, जिसे आसपास के गांव के लोग देखने आते हैं. स्थानीय नागरिक रमेश नाग ने कहा कि पेंदलनार गांव में 800 वर्ष से होलिका दहन के बाद ग्रामीण दहकते अंगारों पर चलते हैं. ये आदिवासी परंपरा है. इससे गांव में सुख समृद्धि आती है. लोगों की मनोकामना पूरी होती है. यह परंपरा पूर्वजों से चली आ रही है.