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दहकते अंगारों पर क्यों नहीं जलते पैर? आदिवासियों की अनोखी परंपरा का क्या है रहस्य, Video

छत्तीसगढ़ के सुकमा में आदिवासी समाज होली के मौके पर अनोखी परंपरा निभाता है. यहां ग्रामीण होलिका दहन के बाद धधकते अंगारों पर नंगे पैर चलते हैं. इसके बाद दूसरे दिन उसी राख से होली खेलते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि होलिका दहन के बाद अंगारों पर चलने की ये परंपरा करीब 800 वर्ष पुरानी है.

धधकते अंगारों पर चलते लोग. (Video Grab) धधकते अंगारों पर चलते लोग. (Video Grab)
धर्मेन्द्र सिंह
  • सुकमा,
  • 27 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 11:54 AM IST

छत्तीसगढ़ के सुकमा (Sukma) में होली के मौके पर आदिवासी समाज की अनोखी परंपरा का चलन है. यहां लोग दहकते अंगारों पर चलते हैं. इसके पीछे यहां ग्रामीणों की मान्यता है कि ऐसा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और अंगारों पर चलने से नुकसान भी नहीं पहुंचता. यहां हर बार की तरह इस बार भी ये परंपरा निभाई गई, जिसका वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग दहकते अंगारों पर नंगे पैर चल रहे हैं.

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यहां देखें Video

लोगों का कहना है कि सुकमा के आदिवासी अंचल में 800 वर्ष से होलिका दहन के मौके पर पेंदलनार गांव में आदिवासी होली मनाई जाती है. ग्रामीण होलिका दहन के बाद दहकते अंगारों पर नंगे पैर चलते हैं. इसके बाद दूसरे दिन उसी राख से होली खेलते हैं. सुकमा जिले का जो वीडियो वायरल हो रहा है, वो पेंदलनार गांव का है. यहां बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे.

यह भी पढ़ें: धधकते अंगारों से होकर नंगे पैर गुजरे श्रद्धालु... सोपिनाथ मंदिर में दिखी अनोखी परंपरा, Video

स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर लोग अपनी कामना लेकर आते हैं. जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है तो दोबारा फिर आते हैं और नंगे पैर आग पर चलते हैं. कुछ आस्थावान लोगों ने कहा कि नंगे पैर दहकती आग पर चलने से पैर को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचता. सुख-शांति और स्वस्थ रहने के लिए वर्षों से ये परंपरा चलती आ रही है.

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इस परंपरा से गांव में सुख-शांति बनी रहती है. ये प्रथा इसी गांव में है, जिसे आसपास के गांव के लोग देखने आते हैं. स्थानीय नागरिक रमेश नाग ने कहा कि पेंदलनार गांव में 800 वर्ष से होलिका दहन के बाद ग्रामीण दहकते अंगारों पर चलते हैं. ये आदिवासी परंपरा है. इससे गांव में सुख समृद्धि आती है. लोगों की मनोकामना पूरी होती है. यह परंपरा पूर्वजों से चली आ रही है.

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