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छत्तीसगढ़ भर्ती घोटाले में दो और गिरफ्तार, 2 दिन की CBI हिरासत में भेजे गए

छत्तीसगढ़ में कथित छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले के सिलसिले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया. शनिवार को एक स्थानीय अदालत ने दोनों को दो दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया.

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग
aajtak.in
  • रायपुर,
  • 11 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:30 PM IST

छत्तीसगढ़ में कथित छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले के सिलसिले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया. शनिवार को एक स्थानीय अदालत ने दोनों को दो दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया. CBI ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा की गई भर्तियों में कथित अनियमितताओं की जांच के तहत पूछताछ के लिए शुक्रवार को नितेश सोनवानी और ललित गणवीर को तलब किया था. बाद में जांच एजेंसी ने दोनों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया. 

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सीबीआई ने मामले में कथित संलिप्तता के लिए पूर्व सीजीपीएससी अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के निदेशक श्रवण कुमार गोयल को नवंबर 2024 में गिरफ्तार किया था. वे न्यायिक रिमांड पर जेल में हैं. नितेश सोनवानी तमन सिंह सोनवानी के रिश्तेदार हैं और वे भी उम्मीदवार थे, जबकि गणवीर पूर्व उप परीक्षा नियंत्रक हैं. 

45 लाख रुपये की रिश्वत का मामला
सोनवानी के वकील फैसल रिजवी ने बताया कि उन्हें मजिस्ट्रेट सौम्या राय के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें दो दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया. सीबीआई के अनुसार, 2018 से 23 के बीच कांग्रेस शासन के दौरान सीजीपीएससी के प्रमुख रहे तमन सिंह सोनवानी ने गोयल के बेटे और बहू का डिप्टी कलेक्टर के रूप में चयन करने के लिए उनसे कथित तौर पर 45 लाख रुपये की रिश्वत ली थी. 

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आयोग प्रतियोगी परीक्षाओं के जरिये विभिन्न राज्य सरकार की नौकरियों के लिए उम्मीदवारों की भर्ती करने के लिए जिम्मेदार शीर्ष निकाय है. जुलाई 2024 में, सीबीआई ने छत्तीसगढ़ में 2020 और 2022 के बीच आयोजित सीजीपीएससी की परीक्षा के माध्यम से डिप्टी कलेक्टरों, पुलिस उपाधीक्षकों और अन्य वरिष्ठ सरकारी पदों के चयन में कथित पक्षपात को लेकर दर्ज दो मामलों की जांच अपने हाथ में ली.

रिश्तेदारों और परिचितों की भर्ती के लिए मिलीभगत
मामलों के अनुसार, रायपुर और बालोद जिले के अर्जुन्दा में दर्ज एक-एक मामले में, तमन सिंह सोनवानी, तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक और अन्य लोक सेवकों और राजनेताओं ने 2020-2022 के दौरान आयोजित परीक्षाओं और इंटरव्यू के माध्यम से विभिन्न राज्य सरकार के पदों के लिए अपने रिश्तेदारों और परिचितों की भर्ती करने के लिए मिलीभगत की, जो कथित रूप से अयोग्य थे.

सीबीआई ने दावा किया है कि नितेश सोनवानी को डिप्टी कलेक्टर के रूप में चुना गया था, जबकि तमन सिंह सोनवानी के बड़े भाई के बेटे साहिल को डिप्टी एसपी के रूप में चुना गया था. एजेंसी ने आरोप लगाया कि तमन सिंह सोनवानी की बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम अधिकारी की नौकरी मिल गई.

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