
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दिन नजदीक आ गए हैं. इसके मद्देनजर विपक्षी दल बीजेपी और सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस ने बड़ी तेजी तैयारियां शुरू कर दी हैं. दोनों ही दलों के नेताओं ने राज्य स्तर पर चर्चा करने के बाद अब केंद्रीय स्तर पर बैठकें शुरू कर दी हैं. बुधवार शाम भारतीय जनता पार्टी (BJP) की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश को लेकर काफी गहन चर्चा की गई.
सीईसी की मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, छत्तीसगढ़ के प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, नितिन नबीन, छत्तीसगढ़ के पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साहू, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, युवा मोर्चा के विजय शर्मा, विपक्ष के नेता नारायण चंदेल जैसा महत्वपूर्ण चेहरे शामिल रहे.
4 कैटेगरी में बांटे टिकट
इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. लेकिन मुख्य सीटों को लेकर काफी गहन चर्चा की गई. सूत्रों की मानें तो कुल 27 सीटें पर टिकट की सहमति बन चुकी है. इसमें A,B,C और D कैटेगरी की सीटों पर चर्चा हुई.
टिकट बंटवारे को आसान बनाने के लिए विधानसभा सीटों को 4 हिस्सों में बांट दिया गया है. A कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है, जिस पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अक्सर जीत हासिल करते हैं. B कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है, जिनमें हार और जीत पिछले चुनाव में हो रही है. C कैटेगरी में उन विधानसभा क्षेत्रों को रखा गया है जिसमें पार्टी के उम्मीद दो बार हार चुके. वहीं, D कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है, जहां BJP कभी नहीं जीती और जिन पर उनकी स्थिति काफी खराब रही है.
अगस्त में पहली लिस्ट होगी जारी!
सूत्रों के हवाले से यह भी पता चला है कि बीजेपी इसी अगस्त माह के आखिरी सप्ताह तक अपने 27 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है. इसकी वजह यह है कि पार्टी जल्दी से जल्दी अपनी तैयारी को और सशक्त बनाना चाहती है.
इन सीटों में दुर्ग की ग्रामीण सीट, जांजगीर चांपा जिले के जयपुर, पामगढ़ और कोरबा जिले की पाली, तनखा और मरवाही सीट पर फैसला हो चुका है. इसके अलावा कोटा, सीतापुर और खरसिया सीट के टिकट पर भी लगभग सहमति बन चुकी है.
टिकट बंटवारे में कास्ट सिस्टम का फार्मूला
साल 2018 चुनाव के मुकाबले इस बार भारतीय जनता पार्टी का जाति व्यवस्था को काफी गंभीरता से लेते हुए नजर आ रही है. उम्मीदवार कौन-सी जाति से संबंधित है और वह उसके साथ कितनी जनसंख्या प्रभावित है. साथ ही उम्मीदवार की विजिबिलिटी फैक्टर कितना है, इत्यादि पर फोकस किया गया है.
सूत्रों के हवाले से यह भी पता चला है कि जिन सीटों पर अब तक जातियों को लेकर फैसला नहीं लिया गया था, वहां अब कास्ट सिस्टम को तरजीह दी जाएगी. इसके अलावा, किस तरह से कौन से मुद्दे पर आने वाले दिनों में कांग्रेस को घेर सकते हैं, इसको लेकर केंद्रीय चुनाच समिति की बैठक में चर्चा की गई.
किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने की रणनीति
यही नहीं, किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस को किस तरह पटखनी दी जा सकती है, इस पर भी गहन चर्चा हुई. सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी ने किसानों के मसलों पर एक अच्छा तोड़ निकाल लिया है और आने वाले समय इसका ऐलान भी किया जाएगा.
BJP चुनाव समिति की बैठक में MP-छत्तीसगढ़ पर मंथन, 4 कैटेगरी में बांटी विधानसभा सीटें