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गोबर खरीदकर क्या करेगी छत्तीसगढ़ सरकार? जानें- क्या है गोधन न्याय योजना

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने इस योजना के लिए नारा दिया है- गोधन न्याय योजना बनेगी वरदान, पशुपालकों के चेहरे पर लाएगी मुस्कान.

2 रुपये किलो गोबर खरीद रही सरकार 2 रुपये किलो गोबर खरीद रही सरकार
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 2:32 PM IST

  • छत्तीसगढ़ सरकार खरीद रही गोबर
  • 2 रुपये प्रति किलो खरीद रही गोबर
  • सरकार ने गिनाए योजना के लाभ

छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने गोधन न्याय योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत पुशपालकों से सरकार गोबर खरीदेगी, जिसका उन्हें भुगतान भी किया जाएगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने इस योजना के लिए नारा दिया है, "गोधन न्याय योजना बनेगी वरदान, पशुपालकों के चेहरे पर लाएगी मुस्कान." सरकार का कहना है कि गोबर खरीदने वाली ये दुनिया की पहली ऐसी योजना है.

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अब सवाल ये है कि ये योजना पशुपालकों के चेहरों पर मुस्कान कैसे आएगी. छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि गोबर खरीदने से पशुधन के सरंक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा. सरकार का ये भी कहना है कि खेतों में पैरा जलाने पर रोक लगेगी, पर्यावरण प्रदूषण रुकेगा, वर्मी कम्पोस्ट खाद के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा मिलने से खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी, खुले में चराई की प्रथा पर रोक लगेगी, जिससे फसलों की सुरक्षा होगी.

इस योजना के तहत सरकार पशुपालकों से 2 रुपये प्रति किलो गोबर खरीदेगी. सरकार का कहना है कि अगर गौपालक सेंटर में जाकर गोबर नहीं बेचता है तो वह घर से भी बेच सकेगा और किराये का खर्च काटकर उसे भुगतान किया जाएगा.

महासमुंद जिले के ग्राम कछारडीह गौठान में योजना का शुभारंभ करते हुए वाणिज्यकर (आबकारी) एवं उद्योग तथा जिला प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि पशुपालकों से खरीदे गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाकर इच्छुक किसानों को 8 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जाएगा, इससे किसान आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे और जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा. यानी सरकार को गोबर बेचकर किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ेगी, साथ ही उन्हें खेती के लिए बेतहर खाद सस्ते दामों में भी मिलेगा.

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बता दें कि किसान आज भी गोबर को एक जगह इकट्ठा कर फसल के वक्त खेतों में डालकर खाद के रूप में इस्तेमाल करता है. ये बहुत ही पारंपरिक तरीका है. लेकिन इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार गोबर खरीदेगी और उससे कम्पोस्ट खाद बनाएगी और फिर किसानों को ही बेचेगी. इससे एक फायदा ये भी होगा कि खेती में यूरिया का उपयोग कम हो जाएगा.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस योजना के बारे में कई जानकारी साझा की है. सोमवार को उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ''आज हरेली पर्व के अवसर पर दुर्ग जिले के पाटन में गोधन न्याय योजना का शुभारंभ गोबर क्रय कर किया. पाटन पहुंचने के बाद बैलगाड़ी में सवार होकर गौठान पहुंचकर वहां नागर और गायों की पूजा की.''

भूपेश बघेल ने ये भी कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के बाद सरकार ने किसानों और ग्रामीणों के बेहतरी के लिए गोधन न्याय योजना की शुरुआत की है और छत्तीसगढ़ सरकार देश-दुनिया की पहली सरकार है, जिसने शासकीय दर पर गोबर की खरीदी शुरू की है. बघेल के मुताबिक, यह योजना बहुउद्देशीय और सभी लोगों के लिए लाभकारी है. उन्होंने ये भी बताया कि पहले दिन ही राज्य के एक हजार 642 गौठानों में करीब दो हजार क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है. राज्य के 11 हजार 277 पशुपालकों ने गौठानों में आज गोबर को बेचा है.

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