
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की एंकर सलमा सुल्ताना की डेड बॉडी की तलाश के लिए विशेषज्ञों की टीम कोरबा पहुंच गई है. 3D स्कैनर (थर्मल राडार) के जरिए संभावित स्थान की स्कैनिंग प्रारंभ हो गई है. पिछले 5 साल से लापता सलमा सुल्ताना की हत्या कर कोरबा दर्री मार्ग पर हसदेव बांयी तट नहर के किनारे उसका शव दफन कर दिये जाने का इनपुट पुलिस को मिला है.
पुलिस ने प्रारंभ में जेसीबी के सहारे संभावित स्थल की मिट्टी हटाकर डेड बॉडी की तलाश शुरू की थी लेकिन बाद में समझ में आया कि इस तरह से डेड बॉडी की खोज नहीं की जा सकती. इसके बाद 3D स्कैनर (थर्मल राडार) के जरिए तलाश आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया. शनिवार दोपहर बाद रायपुर से विशेषज्ञों का दल 3D स्कैनर के साथ कोरवा पहुंच गया.
सिटी एसपी दर्री रॉबिंसन गुड़िया की मौजूदगी में संभावित स्थल की स्कैनिंग प्रारंभ कर दी गई है. संभावित स्थल की भौगोलिक स्थिति इन 5 सालों में बदल चुकी है. एक बड़े हिस्से में फोरलेन सड़क का निर्माण हो चुका है और कंक्रीट की पक्की ढलाई कर सड़क बनाई जा चुकी है.
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क्या है 3D स्क्रीनिंग मशीन?
3D स्क्रीनिंग मशीन का उपयोग फोटोग्राफी, भूमिगत खनिज पदार्थों की पहचान और जमीन के भीतर दबी ठोस वस्तुओं की तलाश से लेकर निर्माण कार्य की माप लेने तक किया जाता है. 3D स्क्रीनिंग के एक से अधिक तरीके प्रचलन में हैं. भूगर्भ में दबे हुए ठोस अथवा सामान्य मिट्टी की संरचना से अलग किस्म की आकृति का पता लगाने के लिए भी 3D स्क्रीनिंग तकनीकी का उपयोग किया जाता है.
यह एक छोटी स्कैनर मशीन होती है, जिसका उपयोग भूगर्भ की संरचना का पता लगाने के लिए किया जाता है. इस मशीन से जमीन पर लेजर किरणें प्रवाहित की जाती हैं जो जमीन के भीतर 20 फीट तक की गहराई में मौजूद भूमि की संरचना और अन्य वस्तुओं की आकृति का इमेज बनाकर कंप्यूटर के स्क्रीन पर प्रदर्शित करती हैं.
इस इमेज के जरिये भूगर्भ शास्त्री जमीन के भीतरी संरचना का विश्लेषण करते हैं और उसके स्वरूप का निर्धारण करते हैं. 3D स्क्रीनिंग के जरिए जहां जमीन में दबे खजाना का पता लगाया जाता है, वही खनिज संपदा की भी खोज की जाती है. हालांकि अलग-अलग खोज के लिए भिन्न-भिन्न 3D स्क्रीनिंग मशीन का उपयोग किया जाता है.
क्या हुआ था पांच साल पहले?
महज 10वीं की पढ़ाई करने के बाद सलमा 2016 में टी. वी. स्क्रीन पर आई और टैलेंट के बलबूते कम ही समय में अपनी पहचान बना ली. उसने एंकरिंग के साथ ही रिपोर्टिंग, स्टेज शो और अन्य कार्यक्रमों में भी अपनी प्रतिभा दिखाई. वह बड़े टी. वी. चैनल में एंकर बनने और सुनहरे पर्दे पर अपनी किस्मत आजमाने का भी सपना देख रही थी.
तभी अक्टूबर 2018 में एक दिन वह काम के लिए कुसमुंडा से कोरबा के लिए निकली. मगर, लौटकर घर नहीं पहुंची. परिवार के लोगों ने अपने स्तर पर उसकी काफी दिनों तक तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. लगभग दो महीने बाद उन्होंने कुसमुंडा पुलिस थाना में जनवरी 2019 में गुमशुदगी दर्ज कराई थी.
एंकर के लापता होने की खबर कोरबा के मीडिया कर्मियों और आम लोगों के बीच फैली तो कई तरह की अफवाहें भी उड़ीं. कभी उसके मुंबई चले जाने की चर्चा सुनी गई, तो कभी अफेयर की बात उड़ाई गई. पुलिस ने भी गुमशुदगी दर्ज कर खानापूर्ति की. तमाम आधुनिक सुविधाओं के बावजूद तलाश में कोई गंभीरता नहीं दिखाई.
अब मिला हत्या का इनपुट
पुलिस सूत्रों के अनुसार, 5 साल बाद अब विभाग को सलमा की हत्या का इनपुट मिला है. बताया जा रहा है कि एक महीने पहले दर्री के सिटी एसपी रॉबिन्सन गुड़िया ( IPS) ने जिले के कुसमुंडा थाना के लंबित मामलों की समीक्षा के दौरान उसकी फाइल देखी, जिसमें जांच का अभाव पाया. इसके बाद उन्होंने नए सिरे से छानबीन शुरू की. एक-एक कर सलमा से जुड़े लोगों से पूछताछ करने पर कई तथ्यों का खुलासा हुआ.
जांच में यह भी पता चला कि सलमा ने कोरबा के एक बैंक से लोन ले रखा था, जिसका भुगतान 2018 तक कोरबा का एक युवक कर रहा था. मगर, 2019 से उसने लोन का भुगतान बंद कर दिया. भुगतान करने के लिए कहने पर अभद्र व्यवहार किए जाने और धमकाने की जानकारी भी पुलिस को मिली. जांच के दौरान पुलिस को इनपुट मिला कि पांच साल पहले सलमा की हत्या कर उसके शव को कोरबा-दर्री मार्ग पर दफन कर दिया गया था.
इस सनसनीखेज इनपुट ने पुलिस को चौंका दिया. गोपनीय रूप से मामले की जांच की जाने लगी. इसी साल 30 मई को उसका शव दफनाने के संभावित स्थान की जानकारी भी पुलिस को मिली. अगले ही दिन रॉबिन्सन गुड़िया ने डेडबॉडी रिकवर कराने के लिए जेसीबी मशीन लगाकर मिट्टी हटाने का काम शुरू कराया. मगर, कोई सफलता नहीं मिली.
मर्डर मिस्ट्री में उलझी पुलिस
पुलिस को भले ही सलमा की हत्या का पुख्ता इनपुट मिला है, लेकिन जब तक उसकी डेडबॉडी रिकवर नहीं हो जाती, तब तक संदेही को गिरफ्तार करना मुश्किल है. अगर उसे गिरफ्तार कर भी लिया जाता है तो अदालत में आरोप सिद्ध करना नामुमकिन होगा. लिहाजा, पुलिस सलमा की मर्डर मिस्ट्री में उलझ गई है. अब इस उलझन से 3D स्कैनर पुलिस को उबार सकता है.
सिटी एसपी रॉबिन्सन गुड़िया ने बताया कि पांच साल पहले लापता हुई सलमा की पतासाजी (तलाश) के दौरान, उसकी हत्या कर दिए जाने का इनपुट मिला है. सेटेलाइट इमेज और 3D तकनीक के माध्यम से डेडबॉडी की तलाश कर रहे हैं. दो तीन दिन में सच्चाई सामने आ जाएगी.
(इनपुट- गेंदालाल शुक्ल)