जिसका डर था वही हुआ. दिवाली की रात दिल्ली में पटाखों के प्रदूषण की चादर लिपटी रही. सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश के बावजूद दिवाली की रात दिल्ली-एनसीआर में आतिशबाजी हुई. इसका नतीजा ये हुआ कि पहले से ही खराब दिल्ली की हवा गंभीर स्थिति में पहुंच गई. (Photos: PTI & ANI)
यूं तो पिछले कुछ दिनों से दिल्ली की हवा में जहर घुल ही रहा था. इसके बाद रही-सही कसर दिवाली के पटाखों ने पूरी कर दी. राजधानी में शनिवार रात कई जगहों पर हवा की गुणवत्ता खराब हो गई और प्रतिबंध के बावजूद लोगों ने उल्लंघन करते हुए दिवाली समारोह के दौरान पटाखे फोड़े.
दिवाली की रात हुई आतिशबाजी के चलते दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर श्रेणी में जा पहुंचा. दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 999 तक पहुंच गया. पूरी दिल्ली रात के वक्त दिवाली के पटाखों के प्रदूषण की चादर में लिपटी रही.
इतना ही नहीं, प्रदूषण की स्थिति से निपटने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने आधी रात में सदर बाजार इलाके में पानी का छिड़काव किया. नॉर्थ दिल्ली के मेयर जयप्रकाश हॉट स्पॉट एरिया में फॉगिंग कराते नजर आए ताकि बढ़े हुए प्रदूषण को कम किया जा सके. दिल्ली में तड़के चार बजे दर्ज किए AQI में गंभीर स्थिति देखने को मिली.
वहीं आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स 572, मंदिर मार्ग इलाके में 785, पंजाबी बाग में 544, द्वारका सेक्टर 18बी में 500, सोनिया विहार में 462, अमेरिकी दूतावास के आसपास 610, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज के आसपास 999, जहांगीरपुरी में 773, सत्यवती कॉलेज में 818 और बवाना इलाके में 623 दर्ज किया गया.
बता दें कि पिछले हफ्ते कोरोना की समीक्षा बैठक के बाद दिल्ली सरकार ने 30 नवंबर तक पटाखे पर बैन लगाने का ऐलान किया था. बहरहाल, दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ गए हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अक्षरधाम मंदिर में दिवाली पूजन करने से पहले भी अपील की थी कि पटाखे न फोड़ें क्योंकि इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ता है और इसकी वजह से कोरोना मरीजों के लिए दिक्कतें बढ़ जाती हैं.