दिल्ली में लॉकडाउन की आज पहली सुबह है. बाजार, मॉल, सब बंद रहेंगे लेकिन रेलवे स्टेशन के बाहर की सड़कों पर आज भी भीड़ है. प्रवासी मजदूरों ने सोमवार शाम से ही पलायन शुरू कर दिया है. दिल्ली में सिर्फ 6 दिन का लॉकडाउन है, पर मजदूरों को भरोसा नहीं है कि सब कुछ जल्दी सही हो जाएगा. हर कोई खौफ में है और जल्द से जल्द अपने घर पहुंचना चाहता है. बस अड्डों पर भारी संख्या में प्रवासी मजदूर घर वापस जाने के लिए उमड़ पड़े. आनंद विहार बस अड्डे पर खूब भीड़ दिखाई दे रही है और गाजियाबाद के कौशांबी बस अड्डे से यूपी और बिहार जाने वाली बसें पूरी भरकर जा रही हैं. जिसकी वजह से कोरोना के फैलने का खतरा ज्यादा बढ़ गया है.
(फोटो क्रेडिट- एएनआई)
भीड़ की वजह से लोगों को बसों पर लटककर या बसों की छतों पर चढ़कर अपने घरों की तरफ जाना पड़ रहा है. ऐसे में हर किसी यह डर सताने लगा है कि कहीं यह भीड़ कोरोना के खतरे को बढ़ा सकती है. क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों ने मास्क नहीं लगाया है और सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिख रही है. प्रवासी मजदूरों की इस भीड़ ने एक बार फिर पिछले साल के पलायन की यादें ताजा कर दी हैं.
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दिल्ली बॉर्डर पर बसों में यात्री ठसाठस भरे जा रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर की बात है, लोगों ने मास्क भी नहीं लगाया है. ऐसे में वायरस कैरियर होने का खतरा पहले से ज्यादा बढ़ गया है. लोग घर जाने के लिए प्राइवेट बसों के दफ्तरों के बाहर लंबी-लंबी लाइनों में लगे हैं.
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लॉकडाउन का ऐलान जैसे किया, उसी के बाद से आनंद विहार बस अड्डे से अपने-अपने शहरों की ओर लौटने वाले मजदूरों का रेला लग गया. रात होते-होते हजारों की संख्या में मजदूर आनंद विहार और गाजियाबाद के कौशांबी बस अड्डे पर नजर आए.
दिल्ली में एक बार कोरोना ने अपना आतंक दिखाना शुरू कर दिया है, रोज रिकॉर्डतोड़ मामले सामने आ रहे हैं. अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड्स की कमी है. लोगों को इलाज के लिए दर- दर भटना पड़ रहा है. इसलिए कोरोना की चेन तोड़ने के लिए दिल्ली सरकार को 6 दिन का लॉकडाउन लगना पड़ा, जो 26 अप्रैल तक जारी रहेगा. सीएम केजरीवाल ने लोगों से अपील की है यह लॉकडाउन सिर्फ 6 दिनों का ही है, बावजूद इसके मजदूर बड़ी तदाद में पलायन कर रहे हैं.
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यूपी बॉर्डर पर बसों में यात्री भरे पड़े हैं, कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर कोई लोगों के चेहरे पर मास्क तक नहीं लगे दिखा. ऐसे में वायरस के फैलने का खतरा पहले से ज्यादा बढ़ गया है. लोग घर वापस जाने के लिए बसों की छतों पर जगह तलाशते हुए भी दिखाई दिए.
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साल 2020 में लगे लॉकडाउन में मजदूर पांवों में छाले आने के बावजूद सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा के लिए निकल पड़े थे. इस बार वो नौबत ने आ जाए, इसलिए दिल्ली से एक बार फिर प्रवासी मजूदर निकल पड़े हैं. अपने-अपने गांवों की ओर, अपने-अपने घरों की ओर.
यूपी, बिहार, उत्तरखंड समेत कई राज्यों के लोग बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर पहुंचने लगे. बसों में चढ़ने के लिए मारामारी शुरू हो गई. इस दौरान लोगों में नोंक-झोंक की खबरें भी सामने आईं. कुछ लोग बसों की खिड़कियों से सीटों पर कब्जा करते दिखाई दिए.
आनंद विहार बस अड्डे से कौशांबी बस अड्डे तक लंबा जाम लग गया. करीब 35 सौ बसें दिल्ली से सोमवार को बाहरी राज्यों के लिए रवाना हुईं. 25 हजार के करीब लोग इन बसों के जरिए अपने राज्यों की तरफ निकले.
बता दें, दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान मेट्रो, कैब, बस सर्विस चलती रहेगी. मॉल, बाजार, सिनेमा हॉल बंद रहेंगे, पेट्रोल पंप, बैंक और एटीएम खुले रहेंगे. जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को भी लॉकडाउन के दौरान आने जाने पर रोक नहीं होगी. शादियों करने की इजाजत होगी पर 50 से ज्यादा लोग शादी में शामिल नहीं हो सकेंगे.
कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से ज्यादा खतरनाक है, अस्पतालों में ऑक्सीजन पर भर्ती मरीज ज्यादा हैं. ऐसे में बड़ी तादात में प्रवासी मजदूरों का पलायन देश में गंभीर समस्या पैदा कर सकता है.