
भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के छात्रों के खिलाफ सोशल मीडिया पर ‘आपत्तिजनक एवं अपमानजनक’ टिप्पणी करने के लिए हॉस्टल से एक छात्र को तीन हफ्तों तक निष्कासित करने का आदेश दिया है.
इसके साथ ही अंग्रेजी पाठ्यक्रम के एक दलित छात्र को भी व्हाट्सएप्प के एक ग्रुप पर संस्थान की एक शिक्षिका के खिलाफ ‘अभद्र एवं अश्लील भाषा’ के इस्तेमाल के लिए संस्थान के हॉस्टल से एक हफ्ते के लिए निष्कासित किया गया है. यह छात्र अनुसूचित जाति जनजाति समुदाय के टिप्पणी के मामले के शिकायतकर्ताओं में से एक है. आईआईएमसी के जांच समिति ने पाया कि हिन्दी पत्रकारिता पाठ्यक्रम के एक छात्र ने फेसबुक पर आरक्षण से संबंधित मुद्दे पर ‘उत्तेजक और असंसदीय’ शब्दों का इस्तेमाल किया था .
आईआईएमसी के उप रजिस्ट्रार पी वी के राजा के हस्ताक्षर वाले आदेश में कहा गया है कि मामले पर विचार किया गया और यह महसूस किया गया कि छात्र ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया वह आपत्तिजनक और बेहद भड़काऊ, अपमानजनक एवं असंसदीय थी. इसके कारण आईआईएमसी परिसर में असंतोष और अशांति भी पैदा हुई. इसलिए छात्र को तत्काल प्रभाव से छात्रावास से तीन हफ्ते के लिए निष्कासित किया जाता है. इस वजह से छात्र को भविष्य में सावधान रहना चाहिए. हालांकि निष्कासित छात्र ने संस्थान प्रशासन और छात्रावास के वार्डन को पत्र लिखकर उनसे सजा पर पुनर्विचार करने की अपील की है.
दूसरी तरफ अंग्रेजी पत्रकारिता पाठ्यक्रम के छात्र को एक सप्ताह के लिए छात्रावास से निलंबित किया गया है. बीती चार फरवरी को छात्र के खिलाफ शिकायत की गई थी. इसमें कहा गया था कि छात्र ने संस्थान की एक वरिष्ठ शिक्षिका के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था. जांच में यह सही पाया गया और छात्र को निलंबित कर दिया गया. जांच अधिकारी ने साथ ही छात्र को दंड देने की सिफारिश भी की है. संस्थान में जातिवादी टिप्पणियों का मामला सामने आने के बाद पिछले महीने घटना की जांच का आदेश दिया गया था और इसके लिए एक जांच समिति का गठन किया गया था. IIMC को सूचना और प्रसारण मंत्रालय संचालित करता है. मंत्रालय ने भी इस मामले में जांच के आदेश दिए थे.