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हाईकोर्ट से राहत के बाद पहली बार बजट पर चर्चा करेंगे 20 AAP विधायक

हाईकोर्ट से सुनवाई का दोबारा मौका पाने वाले 20 विधायक बजट सत्र की शुरुआत में अपने इलाकों की समस्याओं को न रख पाने की वजह से नाराज़ हैं. 'आजतक' से बात करते हुए कई विधायकों ने बताया कि वे स्पीकर से मांग करेंगे कि अगले तीन दिन में बजट सत्र के दौरान उन्हें सवाल पूछने का वक़्त दिया जाए.

हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद AAP विधायक हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद AAP विधायक
पंकज जैन/वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 26 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 7:21 AM IST

संसदीय सचिव मामले में हाईकोर्ट के फैसले से आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत मिली है. अपना चौथा बजट पेश कर चुकी दिल्ली सरकार अगले 3 दिन तक दिल्ली विधानसभा में बजट पर चर्चा करेगी. इस दौरान हाईकोर्ट से राहत पाने वाले 20 विधायक पहली बार सदन में चर्चा करते नज़र आएंगे.

हाईकोर्ट से सुनवाई का दोबारा मौका पाने वाले 20 विधायक बजट सत्र की शुरुआत में अपने इलाकों की समस्याओं को न रख पाने की वजह से नाराज़ हैं. 'आजतक' से बात करते हुए कई विधायकों ने बताया कि वे स्पीकर से मांग करेंगे कि अगले तीन दिन में बजट सत्र के दौरान उन्हें सवाल पूछने का वक़्त दिया जाए.

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आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा ने कहा कि ख़ुशी इस बात की है कि लोकतंत्र की जीत हुई है, लेकिन दुःख इस बात का है कि जब दिल्ली सरकार अपना बजट पेश करती है तो हर विधायक स्पीकर के ज़रिए सवाल दिल्ली सरकार को भेजता है और सरकार सवालों का जवाब भी देते हैं. मगर इस बार 20 विधायक चूक गए क्योंकि तब संसदीय सचिव का मामला कोर्ट में था.

लांबा ने कहा कि ऐसे में विधानसभा क्षेत्र से जुड़े सवालों को नहीं पूछ पाए जिसका खामियाजा सामने रहा. बजट पेश होने के बाद अब तक चर्चा का हिस्सा नहीं बन पाए हैं, फिलहाल खुशी है कि सोमवार से बजट सत्र में हिस्सा लेंगे. स्पीकर से अपील की है कि सत्र के बाकी दिनों में 20 विधायकों को ज्यादा मौका मिले ताकि क्षेत्र की समस्या पर चर्चा हो पाए. इस देश में कानून ज़िंदा है, ऐसा लग रहा है कि दोबारा चुनाव लड़ा हो और जीतकर हम सदन में जा रहे हैं.

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वहीं आम आदमी पार्टी के एक दूसरे विधायक अनिल बाजपेयी कहते हैं कि 5 साल के लिए विधायक चुने गए लेकिन बजट सत्र में शामिल न होने का एक बड़ा दुःख था. बजट में विधायक क्षेत्र की समस्याओं को सदन में रखता है. मगर इस बार बजट सत्र में शामिल नहीं होने का मलाल मन में था.

अनिल बाजपेयी ने कहा कि अयोग्य करार दिए जाने का बेहद मन में रोष था, लेकिन अब बेहद खुशी हो रही. मेरी विधानसभा में कई ऐसी समस्याएं हैं जिन्हें विधानसभा के सत्र में उठाना चाहता था. अब बजट सत्र का हिस्सा बनना एक सुखद अनुभव है. इलाके की जनता भी यह जानना चाहती है कि उनके विधायक किन समस्याओं को विधानसभा में रख रहे हैं.

विधायक नितिन त्यागी ने कहा, विधायक का असली काम यही है कि क्षेत्र की समस्याओं को सरकार के सामने रखे, लेकिन किसी वजह से मौका न मिले तो बहुत दुःख होता है. विधानसभा बजट सत्र के अगले 3 दिन में चर्चा के लिए और सवाल पूछने के लिए स्पीकर कर सामने मांग रखी है.

आम आदमी पार्टी के एक अन्य विधायक मदन लाल ने कहा कि विधानसभा का सत्र में बेहद महत्वपूर्ण होता है. सदन में सरकार के कामकाज के साथ साथ क्षेत्र की ज़रूरत को विभागों के मंत्री से जवाब मांगें जाते हैं. लेकिन अब बजट पर चर्चा के लिए मौका मिलेगा. विधानसभा में दिल्ली के दूसरे इलाकों की परेशानियों के बारे में पता चलता है. इससे अपने इलाके में आ रही समस्याओं को समझने का मौका मिलेगा.

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