
दिल्ली में तेजी से फैल रहे डेंगू और चिकनगुनिया की जद में अब मच्छर मारने वाले कर्मी भी आ गए हैं, घर-घर जाकर लार्वा चेक करने वाली डीबीसी कर्मी और कई फील्ड वर्कर फिलहाल डेंगू और चिकनगुनिया की चपेट में आ गए.
दरअसल घर-घर में घूम कर मच्छरों की ब्रीडिंग चेक करने वाले यह कर्मी खुद बगैर किसी बचाव के ड्यूटी करते हैं, कई बार लार्वा चेक करते समय, ये खुद मच्छरों के शिकार हो जाते हैं. दिल्ली के कड़कड़डूमा के मलेरिया निरीक्षक कार्यालय में काम करने वाले दो डीबीसी कर्मी चिकनगुनिया की चपेट में है. पूर्वी दिल्ली में एक मलेरिया इंस्पेक्टर चिकनगुनिया से जूझ कर आए हैं. इंस्पेक्टर बताते हैं कि अभी भी काम करते वक्त उनके शरीर में दर्द रहता है. इसके अलावा कई कर्मचारी बुखार में अपनी ड्यूटी करते हुए नजर आते हैं.
आपको यह जानकर बेहद ताज्जुब होगा कि मच्छरों की ब्रीडिंग चेक करने वाले यह कर्मचारी बगैर किसी बचाव के ड्यूटी पर निकलते हैं. कर्मी कहते हैं कि बचाव के लिए वो सब पूरी बाजू के कपड़े तो पहन लेते हैं, लेकिन इसके बावजूद मच्छर ने काट सके इसलिए मच्छर मारने वाले केमिकल को ही वह हाथों और गले में लगा लेते हैं. वहीं फागिंग मशीन की गर्मी से कई कर्मी के हाथ जल जाते हैं.
रोजाना फॉकिंग करने के लिए निकलने वाले कई कर्मचारी फागिंग मशीन की गर्मी से अपने हाथ जला बैठते हैं कर्मचारी कहते हैं कि यह फॉगिंग मशीनें कुछ इस तरह की है कि अगर इन्हें लगातार आधे घंटे से ज्यादा चला दिया जाए तो मशीन आग फेंकने लगती है. ऐसे में फागिंग करते वक्त कई बार मशीन बहुत गर्म हो जाती है जिससे कई कर्मचारियों के हाथ झुलस चुके हैं.
सभी कर्मियों की छुट्टियां निरस्त दिल्ली नगर निगम के मलेरिया निरीक्षण और रोकथाम से जुड़े कर्मियों की छुट्टियां निरस्त कर दी गई है, सभी कर्मियों को सख्त हिदायत दी गई है कि गंभीर मामलों के अलावा किसी को छुट्टियां नहीं दी जाएंगी. यही वजह है कि कई कर्मी बुखार में भी ड्यूटी कर रहे हैं.