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PAC की बैठक के बाद क्या बोले मनीष सिसोदिया

सिसोदिया ने बताया कि देशभर से 18 लोगों के नाम लिए गए. इनमें से 11 नामों पर गहन चर्चा की गई, जिसके बाद तीन नामों को फाइनल किया गया.

आशुतोष और कुमार विश्वास को नहीं मिला मौका आशुतोष और कुमार विश्वास को नहीं मिला मौका
जावेद अख़्तर/आशुतोष मिश्रा/पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 03 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST

आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा की तीन सीटों पर जारी कशमकश के बीच आज तीनों उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. पार्टी की पार्लियामेंट्री अफेयर्स कमेटी की बैठक के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उम्मीदवारों के चयन की औपचारिक घोषणा की.

उन्होंने कहा कि देशभर से 18 लोगों के नाम लिए गए. इनमें से 11 नामों पर गहन चर्चा की गई, जिसके बाद तीन नामों को फाइनल किया गया. सिसोदिया ने बताया संजय सिंह, नारायण दास गुप्ता और तीसरा नाम सुशील गुप्ता का है.

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पार्टी में अंदर भी चर्चा हुई. पार्टी के लोगों को भेजा जाए क्या? कई लोगों की सहमति थी, किसी की नहीं थी. 11 नामों पर पार्टी में खूब मंथन हुआ. केजरीवाल का मन था कि बाहर से किसी को भेजा जाए. तीन नाम पीएसी ने फाइनल कर दिए हैं. उन्होंने बताया कि संजय सिंह लंबे समय से पार्टी से जुड़े रहे हैं और उन्होंने पूरा जीवन संघर्ष में लगाया है.

सिसोदिया ने बताया कि दूसरा नाम नारायण दास गुप्ता का है, जो सीए एसोसिएशन के प्रेसिडेंट रहे हैं. साथ ही वो इकोनॉमी पर काम करने वाली संस्थाओं में रहे हैं. गुप्ता के बारे में सिसोदिया ने बताया कि इन्होंने भारत सरकार के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर आर्थिक नीतियों में इनपुट दिया है.

डिप्टी सीएम सिसोदिया ने आगे बताया कि तीसरा नाम डॉक्टर सुशील गुप्ता का है, जो एजुकेशन और हेल्थ सेक्टर से जुड़े हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली और हरियाणा में सुशील गुप्ता का हेल्थ में काफी योगदान रहा है. वो 15 हजार बच्चों को फ्री एजुकेशन देते हैं. इनके हॉस्पिटल चलते हैं. चार बड़े चैरिटेबल हॉस्पिटल चल रहे हैं.

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कुमार-आशुतोष पर ये कहा

जब कुमार विश्वास और आशुतोष को लेकर सवाल पूछ गए तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने बस इतना कहा कि अंदर बहुत चर्चा हुई है.

सिसोदिया ने ये भी बताया कि पार्लियामेंट्री कमेटी की बैठक में 9 सदस्यों ने हिस्सा लिया. इनमें 8 सदस्यों की तीनों नामों पर सहमति थी, जबकि एक नाम पर 1 सदस्य की असहमति थी.

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