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अयोग्य ठहराए गए केजरीवाल के 20 MLA! जानिए क्या है पूरा मामला

आम आदमी पार्टी ने 13 मार्च 2015 को अपने 20 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था. जिसके बाद 19 जून को वकील प्रशांत पटेल ने राष्ट्रपति के पास इन सचिवों की सदस्यता रद्द करने के लिए आवेदन किया था.

फाइल फोटो फाइल फोटो
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 19 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 3:03 PM IST

दिल्ली की सत्ता पर विराजमान आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में चुनाव आयोग ने 20 विधायकों को अयोग्य ठहराया है. आयोग इस मामले में अपनी सिफारिश राष्ट्रपति को भेजेंगे. ये सभी विधायक 13 मार्च 2015 से आठ सितंबर 2016 तक संसदीय सचिव के पद पर थे. केजरीवाल सरकार पर ये मामला 2015 से ही तलवार बनकर लटका हुआ है. 

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पढ़िए आखिर ये मामला क्या है...

दरअसल, आम आदमी पार्टी ने 13 मार्च 2015 को अपने 20 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था. जिसके बाद 19 जून को वकील प्रशांत पटेल ने राष्ट्रपति के पास इन सचिवों की सदस्यता रद्द करने के लिए आवेदन किया था. तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की ओर से 22 जून को यह शिकायत चुनाव आयोग में भेज दी गई थी. शिकायत में इसे 'लाभ का पद' बताया गया था, जिसके कारण इन विधायकों की सदस्यता रद्द करने की अपील की थी.

इस मामले को लेकर मई 2015 में चुनाव आयोग में एक याचिका दायर की गई थी. हालांकि, अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर कहा था कि हमने संसदीय सचिव का पद देकर विधायकों को कोई आर्थिक लाभ नहीं मिल रहा है. इसके अलावा राष्ट्रपति ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के संसदीय सचिव विधेयक को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था.

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विधेयक में संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद के दायरे से बाहर रखने का प्रावधान था. हाईकोर्ट ने भी केजरीवाल सरकार द्वारा आप के 21 विधायकों (अब 20) को दिल्ली सरकार में मंत्रियों का संसदीय सचिव नियुक्त करने के फैसले को शून्य और निष्प्रभावी करार दिया था.

किन विधायकों की जाएगी सदस्यता..

1. जरनैल सिंह, तिलक नगर

2. नरेश यादव, महरौली

3. अल्का लांबा, चांदनी चौक

4. प्रवीण कुमार, जंगपुरा

5. राजेश ऋषि, जनकपुरी

6. राजेश गुप्ता, वजीरपुर

7. मदन लाल, कस्तूरबा नगर

8. विजेंद्र गर्ग, राजिंदर नगर

9. अवतार सिंह, कालकाजी

10. शरद चौहान, नरेला

11. सरिता सिंह, रोहताश नगर

12. संजीव झा, बुराड़ी

13. सोम दत्त, सदर बाजार

14. शिव चरण गोयल, मोती नगर

15. अनिल कुमार बाजपई, गांधी नगर

16. मनोज कुमार, कोंडली

17. नितिन त्यागी, लक्ष्मी नगर

18. सुखबीर दलाल, मुंडका

19. कैलाश गहलोत, नजफगढ़

20. आदर्श शास्त्री, द्वारका

बता दें कि पहले ये मामला 21 विधायकों का था, लेकिन राजौरी गार्डन से आप विधायक जरनैल सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. जरनैल सिंह ने पंजाब में चुनाव लड़ने के लिए दिल्ली विधानसभा से इस्तीफा दिया था.

अरविंद केजरीवाल ने किया था मोदी सरकार पर हमला

इस मामले के बाद दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला था. अपने फैसले के बचाव में केजरीवाल ने कहा था कि एक MLA बेचारा रोज़ अपना पेट्रोल ख़र्च करके अस्पतालों के चक्कर लगाता था, बताओ क्या ग़लत करता था? मोदी जी ने उसको घर बिठा दिया. किसी MLA को एक पैसा नहीं दिया, कोई गाड़ी, बंगला- कुछ नहीं दिया. सब MLA फ़्री में काम कर रहे थे. मोदी जी कहते- सब घर बैठो, कोई काम नहीं करेगा.

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केजरीवाल ने कहा था कि एक MLA को बिजली पे लगा रखा था, एक को पानी पे, एक को अस्पतालों पे, एक को स्कूल पे. मोदी जी कहते हैं - ना काम करूँगा, ना करने दूँगा. मोदी जी लोक तंत्र का सम्मान नहीं करते, डरते हैं तो सिर्फ़ आम आदमी पार्टी से.

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