
इलेक्शन कमीशन में आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों के खिलाफ चल रहे ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में नई तारीख मिली है. अब आम आमदी पार्टी के विधायक 7 अक्टूबर तक अपने पक्ष में कुछ और कागजात चुनाव आयोग में पेश कर सकेंगे. शुक्रवार को हुई सुनवाई में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने चुनाव आयोग से अपील की थी, कि उन्हें मामले में अपना पक्ष रखने के लिए कुछ और कागजात जमा करने के लिए वक्त दिया जाए. इसमें हाई कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला दिया गया, जिसमें कोर्ट ने पार्लियामेंट्री सेक्रटरीज की नियुक्तियों को ही अवैध ठहरा दिया था और रद्द कर दिया था.
विधायकों की दलील थी कि उन्हें अभी तक फैसले की कॉपी नहीं मिली है, जबकि याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल ने विधायकों की इस मांग का विरोध किया और कहा कि हाई कोर्ट का फैसला आए 20 दिन से ज्यादा हो गए, ऐसे में विधायकों की दलील बेमानी है कि उन्हें फैसले की जानकारी नहीं है या फिर फैसला पढ़ा नहीं है. यही नहीं, प्रशांत पटेल ने दलील दी कि फैसले की कॉपी हासिल करने के लिए 20 दिन का समय पर्याप्त था. इसलिए विधायकों की वक्त मांगने की मांग सही नहीं है.
प्रशांत पटेल ने बाद में मीडिया से बात करते हुए भी कहा कि आम आदमी पार्टी के विधायक जानबूझकर मामले की सुनवाई में देरी कर रहे हैं और बेवजह की मांग करके चुनाव आयोग का वक्त भी बर्बाद कर रहे हैं. पटेल के मुताबिक हाई कोर्ट में इन्हीं विधायकों की पार्टी की सरकार भी एक पक्ष थी और ऐसे में संभव नहीं है कि विधायकों को फैसले की कॉपी न मिली हो.
आम आदमी पार्टी के विधायक कैलाश गहलोत ने कहा कि चुनाव आयोग ने उनकी मांग पर गंभीरता से विचार किया और इसके बाद ही उन्हें 7 अक्टूबर तक का वक्त दिया है. गहलोत के मुताबिक की विधायक ऐसे हैं, जो हाई कोर्ट के फैसले का अध्ययन नहीं कर पाए हैं, जो इसी केस से संबंधित है. ऐसे में ये महत्वपूर्ण दस्तावेज है, इसलिए इस मामले की सुनवाई में इस आदेश का शामिल होना बहुत जरूरी है.
चुनाव आयोग ने याचिकाकर्ता से भी कहा है कि अगर उन्हें भी विधायकों के जवाब के बाद कुछ कहना हो, तो 14 अक्टूबर तक अपना जवाब लिखित में चुनाव आयोग में जमा करा सकते हैं, इसी के बाद सुनवाई की अगली तारीख तय होगी.