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BJP को सांप्रदायिकता फैलाने के लिए विश्वविद्यालय का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए: आप

इसे एक ‘संवेदनशील मुद्दा’ बताते हुए आप नेता आशुतोष ने कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है और न्यायपालिका के द्वारा इसका फैसला होना चाहिए, कहीं बाहर नहीं.

डीयू में राम मंदिर को लेकर दो दिन का सेमिनार डीयू में राम मंदिर को लेकर दो दिन का सेमिनार
लव रघुवंशी/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 5:21 AM IST

राम मंदिर मुद्दे पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय में एक सेमिनार करने के लिए बीजेपी पर हमला करते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि भगवा पार्टी को सांप्रदायिकता फैलाने के लिए विश्वविद्यालयों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. पार्टी ने आरोप लगाया कि इस कदम का लक्ष्य उत्तरप्रदेश में 2017 में होने वाला विधानसभा चुनाव है.

इसे एक ‘संवेदनशील मुद्दा’ बताते हुए आप नेता आशुतोष ने कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है और न्यायपालिका के द्वारा इसका फैसला होना चाहिए, कहीं बाहर नहीं.

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विहिप के दिवंगत नेता अशोक सिंघल द्वारा शुरू शोध संगठन अरूंधति वशिष्ट अनुसंधान पीठ (एवीएपी) द्वारा डीयू के कला संकाय में ‘श्री राम जन्म भूमि मंदिर: उभरता परिदृश्य’ शीषर्क वाले दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. आशुतोष ने कहा, 'हम डीयू में राम मंदिर पर चर्चा के कदम का विरोध नहीं कर रहे हैं क्योंकि हमारा मानना है कि विश्वविद्यालय ऐसी जगह होनी चाहिए जहां विभिन्न मुद्दों पर सार्थक बहस हो. हमारी दिक्कत सेमिनार का इस्तेमाल माहौल के सांप्रदायीकरण को लेकर है.'

उन्होंने कहा, 'लोकसभा चुनावों के पहले मुजफ्फरनगर में दंगे हुए. इसके बाद दिल्ली में राज्य चुनाव के पहले सांप्रदायिक दंगे हुए. बिहार चुनावों के पहले दादरी घटना हुई और उत्तरप्रदेश के चुनाव के पहले आप एक बार फिर राम मंदिर मुद्दा लेकर आए हैं.'

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