
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने शुक्रवार को LG की तरफ से भेजी गई चिट्ठी का जवाब दिया और कहा- दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति तेजी से बिगड़ रही है. LG इसे सुधारने के लिए कदम उठाने के बजाय गंदी राजनीति करने में व्यस्त है. अच्छा होगा कि सूर्य अपना काम करे और चंदा अपना काम करे, तभी अच्छे लगते हैं. सीएम को अपना काम करने दीजिए और आप दिल्ली की कानून व्यवस्था ठीक कीजिए. आपका काम कानून व्यवस्था, पुलिस और डीडीए संभालना है. हमारा काम दिल्ली के अन्य सभी विषयों पर काम करना है. आप अपने काम छोड़कर रोज हमारे काम में दखल देंगे तो व्यवस्था कैसे चलेगी?
केजरीवाल ने आगे कहा- दिल्ली में लगातार अपराध बढ़ते जा रहे हैं. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष पर अभी हमला हुआ. यदि महिला आयोग की अध्यक्ष ही सुरक्षित नहीं तो एक आम महिला की क्या बात करें? दिल्ली वालों ने आज तक आपको कानून व्यवस्था पर कोई काम करते नहीं देखा, बल्कि उनकी चुनी हुई सरकार के रोजमर्रा के कामों में हस्तक्षेप करते हुए ही देखा है, इससे लोगों में भारी रोष है.
'आप चाहते तो 5 मिनट बाहर आकर मिल सकते थे'
सीएम अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा है कि आपने अपने पत्र में लिखा है कि हम बिना बताए आपसे मिलने आ गए थे, इसलिए आप नहीं मिले. सीएम, डिप्टी सीएम और सारी कैबिनेट और विधायक आपके द्वार पर खड़े थे तो जाहिर है कि राज्य से संबंधित बड़ी समस्या लेकर आए थे. आप चाहते तो पांच मिनट के लिए बाहर आकर ही हमसे मिल सकते थे, पर नहीं मिले. इससे पूरे प्रदेश में लोगों को बुरा लगा और अपमानित महसूस किया. दिल्ली के उपराज्यपाल ने 2 करोड़ लोगों के प्रतिनिधियों से मिलने से मना कर दिया.
'आपने खाने के लिए बुलाया, जब सुविधा हो बता दीजिए'
सीएम केजरीवाल ने कहा- अपने पत्र में आपने अब हम सभी मंत्रियों और विधायकों को बातचीत के लिए खाने पर आमंत्रित किया है, इसके लिए बेहद शुक्रिया. यदि आपको सहूलियत हो तो हम सब शनिवार (21 जनवरी) को 1 बजे आपके घर आ जाएंगे. यदि ये समय आपकी सुविधा में ना हो तो आप हमें अपनी सुविधानुसार समय बता दें, हम उसी समय आ जाएंगे. आपने अपने पत्र में दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था की काफी आलोचना की है. दिल्ली की जनता ने हमें तीसरी बार ऐतिहासिक बहुमत दिया है. जनता की नजरों में हम अच्छा काम कर रहे हैं. फिर भी आपकी आलोचना सर माथे पर है.
केजरीवाल ने कहा- कोई भी सिस्टम परफेक्ट नहीं होता. दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में पहले के मुकाबले जबरदस्त सुधार हुए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है. अभी बहुत लंबा सफर तय करना है. यदि केंद्र सरकार और सभी एलजी साहबों ने पिछले वर्षों में दिल्ली वालों के काम में अड़चन ना की होती तो अभी तक और भी बहुत कुछ हासिल कर चुके होते. आप सोचिए ना.
'अफसरों को कहकर फंड बंद करवा देते हैं'
एक तरफ एलजी साहब दिल्ली के सभी मोहल्ला क्लिनिक के डॉक्टरों की सैलरी, लैब टेस्ट, किराया और बिजली बिल की पेमेंट रोक देते हैं और फिर कहते हैं कि मोहल्ला क्लिनिक अच्छे नहीं चल रहे? एक तरफ एलजी साहब अफसरों को कह कर दिल्ली जल बोर्ड के सारे फण्ड बंद करवा देते हैं और फिर कहते हैं कि दिल्ली वालों को पानी नहीं मिल रहा? सर, इस किस्म की राजनीति अच्छी नहीं है. उपराज्यपाल को ऐसी राजनीति से बचना चाहिए.
केजरीवाल ने संवैधानिक अधिकारों की याद दिलाई और लिखा- संविधान ने आपको तीन जिम्मेदारियों दी हैं. दिल्ली की कानून व्यवस्था, दिल्ली पुलिस और डीडीए. आज पूरे देश में दिल्ली की कानून व्यवस्था सबसे खराब है. जब दुनिया दिल्ली को रेप कैपिटल कहती है तो हर दिल्लीवासी का सर शर्म से झुक जाता है. दिल्ली में लगातार अपराध बढ़ते जा रहे हैं. किसी भी महिला का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल जी पर अभी हमला हुआ. यदि महिला आयोग की अध्यक्ष ही सुरक्षित नहीं है तो एक आम महिला की क्या बात करें.
'हमें अपने काम करने दीजिए'
सीएम ने कहा है कि आप लोगों के कार्यों में रोज क्यों अड़ंगा लगाते हैं. अगर दिल्ली के लोग अपने टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजना चाहते हैं तो आप इसको क्यों रोकते हैं. जब आप रोज लोगों के काम रोकते हैं तभी लोग कहते हैं कि एलजी साहब हमारे काम रोकने वाले कौन होते हैं? संविधान ने आपको दिल्ली की कानून व्यवस्था ठीक करने का काम दिया है. आप वो काम कीजिए ना? संविधान ने हमें बाकी काम दिए हैं, हमें अपने काम करने दीजिए. आपको यदि हमारे काम ठीक नहीं भी लगते, तब भी आपको हमारे कामों में विघ्न डालने का कोई अधिकार नहीं है. वैसे ही जैसे हम आपके कामों में विघ्न नहीं डालते.
आगे केजरीवाल ने कहा कि किसी दिन यदि सूर्य को लगने लगे कि चांद ठीक से काम नहीं कर रहा, आज मैं चांद का काम करूंगा तो सारी सृष्टि गड़बड़ा जाएगी. सूर्य अपना काम करे और चंदा अपना काम करे, तभी अच्छे लगते हैं, तभी सारी व्यवस्था सुचारू रूप से चलती है. सीएम को अपना काम करने दीजिए, आप दिल्ली की कानून व्यवस्था ठीक कीजिए, ताकि कंझावला जैसे केस दोबारा ना हो, तभी दिल्ली की व्यवस्था ठीक चलेगी.
केजरीवाल ने एलजी की अधिकारियों की बैठक पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा- दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति तेजी से बिगड़ रही है. एलजी इसे सुधारने के लिए कदम उठाने के बजाय गंदी राजनीति करने में व्यस्त है. उन्होंने चुनी हुई सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करने के लिए आज दिल्ली सरकार के अधिकारियों की कई बैठकें बुलाई हैं, जिन्हें करने का उनके पास कोई अधिकार नहीं है.