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पीएम मोदी ने नोटबंदी की गोपनीयता पर बोला झूठ?

नोटबंदी से ठीक पहले बैंकों में 4 लाख करोड़ रुपया जमा करके उसे सफेद कर लिया जाता है तो सरकार इसकी जांच कराने को क्यों तैयार नहीं है?

आशीष खेतान आशीष खेतान
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 09 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 10:34 PM IST

नोटबंदी के मसले पर मोदी सरकार को घेरने के लिए आम आदमी पार्टी रोजाना खबरों का हवाला देती नजर आती है. शुक्रवार को भी ऐसा ही कुछ हुआ जब 'आप' नेता आशीष खेतान ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 2 वजह बताते हुए आरोप लगाया कि नोटबंदी के ऐलान की जानकारी पहले से लीक हो चुकी थी.

1. सीएम अरविंद केजरीवाल ने नोटबंदी के बाद 12 नवंबर को बताया था कि इसी साल सितंबर महीने में कई बैंकों में 4 लाख करोड़ रुपये जमा किए गए जो कालाधन है. इसके जवाब में वित्त मंत्री ने दलील दी कि वो सारा पैसा 7वें वेतन आयोग के तहत किए गए 45 हजार करोड़ रुपये के भुगतान का असर था. लेकिन एक अखबार के खुलासे के मुताबिक सितंबर महीने में सरकारी बैंकों में जमा हुई राशि में से 3 लाख करोड़ रुपये की राशि तो सिर्फ 15 सितंबर से 30 सितंबर के बीच फिक्स डिपॉजिट (FD) के माध्यम से जमा कराई गई थी और इन्हें अक्टूबर के महीने में तुड़वा दिया गया था.

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2. इसके अलावा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चीफ इकॉनोमिक एडवाइजर सौम्यकांति घोष ने इसी साल के मार्च महीने में एसबीआई की जारी हुई एक रिपोर्ट में लिखा था कि बहुत जल्द पुराने नोट बंद कर दिए जाएंगे, जिसके चलते कुछ लोग अपने कालेधन को या तो गोल्ड या फिर डॉलर में तब्दील करने लगे.

इन 2 तथ्यों के बाद प्रधानमंत्री का वो दावा झूठा साबित हो जाता है जिसके तहत पीएम मोदी नोटबंदी के फैसले को टॉप सीक्रेट बता रहे थे. आम आदमी पार्टी ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि जो खाते में ढाई लाख रुपये जमा करता है तो उसके पास नोटिस भेज कर उसके घर या दुकान पर रेड़ मारी जा रही है और दूसरी तरफ घर की महिलाओं ने अपनी अलमारी में कितने आभूषण रखें हैं इस पर सरकार नजर रख रही है. लेकिन दूसरी तरफ नोटबंदी से ठीक पहले बैंकों में 4 लाख करोड़ रुपया जमा करके उसे सफेद कर लिया जाता है तो सरकार इसकी जांच कराने को क्यों तैयार नहीं है?

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