
आम आदमी पार्टी के ट्विटर हैंडल से रविवार शाम 4 बजे शेयर की गईं तस्वीरों में एक बैनर नज़र आ रहा है जिसमें विशिष्ठ अतिथि के साथ 'अतिशि सिंह' लिखा देखा जा सकता है.
क्या आतिशी ने अपने उपनाम को महज राजनीतिक वजहों से फिर बदल लिया है? बता दें कि जब पिछले महीने सितंबर में 'आजतक' संवाददाता ने आतिशी से पूछा था कि आम आदमी पार्टी जातिवाद की राजनीति का विरोध करती है, लेकिन क्या वजह थी कि उन्हें अपना सरनेम 'मार्लेना' लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हटाना पड़ा?
तब, आतिशी ने कहा था, "यह बेहद दिलचस्प बात है कि दिल्ली जैसे शहर में यह बड़े मुद्दे नहीं होंगे कि कौन क्या खाता है, क्या पहनता है, क्या नाम इस्तेमाल करता है. पिछले कुछ दिनों में मीडिया ने मेरे ट्विटर हैंडल और पोस्टर पर लिखे नाम को लेकर विस्तृत चर्चा की है.''
उन्होंने कहा, ''पत्रकारों से अपील है कि अगर नाम को लेकर बात की जाएगी तो चुनावी राजनीति नाम या जाति पर केंद्रित होती जाएगी. लेकिन पत्रकारों के लिखने की आज़ादी को कभी रोका नहीं है. वैसे ही हमारी आज़ादी है कि क्या खाते हैं या ट्विटर हैंडल पर क्या नाम रखते हैं."
मुद्दा नाम नहीं, काम होना चाहिए
'आजतक' ने यह सवाल भी पूछा था कि आपको लगता है कि नाम में कुछ नहीं रखा है तो उपनाम हटाने की ज़रूरत क्यों पड़ी? क्या आपको डर था कि आपके सरनेम 'मार्लेना' को लेकर भ्रम फैलाया जा सकता है? आतिशी ने कहा था, "दरअसल मैंने अपना पारिवारिक सरनेम काफी साल पहले छोड़ दिया था. मैं चुनाव प्रचार में पहले नाम का इस्तेमाल कर रही हूं क्योंकि मुझे लगता है कि मुद्दा नाम नहीं बल्कि काम होना चाहिए."
माता पिता ने दिथा था उपनाम
बता दें कि पूर्वी दिल्ली से लोकसभा प्रभारी बनाए जाने के बाद आतिशी के उपनाम 'मार्लेना' को सोशल मीडिया के साथ पार्टी वेबसाइट, पोस्टर और बैनर से हटा दिया गया था. अतिशी का कहना था कि मार्लेना उनका सरनेम नहीं है. यह उनके माता-पिता द्वारा दिया गया उपनाम है. उन्होंने यह भी भी बताया था कि उनका सरनेम सिंह है, लेकिन उन्होंने खुद ये फैसला किया कि चुनाव के लिए वो सिर्फ आतिशी नाम का ही इस्तेमाल करेंगी.
आतिशी के नज़दीकी लोगों के मुताबिक लोकसभा प्रभारी बनाए जाने के बाद पूर्वी दिल्ली में यह अफवाह फैलानी शुरू की गई थी कि आतिशी विदेशी या क्रिश्चिन हैं. उनके एक करीबी के मुताबिक आतिशी के पिता का नाम विजय सिंह और मां का नाम तृप्ता वाही है. मार्लेना उपनाम उन्हें उनके माता-पिता ने ही दिया था. हालांकि अब नया बैनर सामने आया है जिसमें 'अतिशि सिंह' लिखे होने पर कई सवाल खड़े हो गए हैं.