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भाजपा नेताओं के फर्जी शिकायतों पर नियमों को दरकिनार कर ACB को जांच के आदेश दे रहे LG: मनीष सिसोदिया

सिसोदिया ने कहा कि एलजी साहब दिल्ली सरकार के विभागों की भी जांच करवा सकते हैं. हम इसमें उनके साथ खड़े हैं, लेकिन वो भाजपा के नेताओं के फर्जी शिकायतों की राजनीति में आकर दिल्ली की जनता के लिए हो रहे काम न रुकवाएं.

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया. -फाइल फोटो दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया. -फाइल फोटो
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 21 जून 2022,
  • अपडेटेड 10:40 PM IST
  • सिसोदिया बोले- हम किसी भी जांच के लिए तैयार
  • दिल्ली में विकास कार्यों को रोक रही भाजपा: सिसोदिया

दिल्ली में एक बार फिर उपराज्यपाल और AAP सरकार के बीच टकराव नजर आ रहा है. भाजपा सांसद की शिकायत पर LG की ओर से जांच के आदेश दिए जाने पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सवाल खड़े किए हैं. सिसोदिया ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार लोगों की तरक्की के लिए जो काम कर रही है, साजिश के तहत उसे रोकने के लिए भाजपा के नेता फर्जी शिकायतें कर रहे हैं. 

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सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इन फर्जी, बेबुनियाद और पुरानी शिकायतों को बिना ‘भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम’ में दिए गए नियमों का पालन करते हुए उसे वापस उठाकर जांच के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को भेज रहे हैं, ताकि दिल्ली सरकार द्वारा लोगों के लिए किए जा रहे काम प्रभावित हो. सिसोदिया ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बातें कही.

मनीष सिसोदिया की प्रेस-कांफ्रेंस की 5 बड़ी बातें... 

1. मनोज तिवारी ने एक साल पहले अस्पताल बनाने में भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व एलजी अनिल बैजल से शिकायत की थी और पूर्व एलजी ने जांच में शिकायत को राजनीति से प्रेरित पाया था. पिछले 8 सालों में भाजपा ने हमारे ऊपर सैकड़ों बार जांच करवाई है। वो सैकड़ों बार और जांच करवा लें, पर हम किसी जांच से डरते नहीं है. हमारी लड़ाई दिल्ली की तरक्की की लड़ाई है और हम हर उस व्यक्ति से लड़ेंगे, जो दिल्ली के काम को रोकने की कोशिश करेगा.

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2. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा द्वारा काम रुकवाने की नीयत से अधिकारियों को जांच के दायरे में फंसाने की कोशिश करना घटिया हरकत है. भाजपा की इतने राज्यों में सरकारें हैं, वहां तो वो काम नहीं करती है, लेकिन दिल्ली सरकार लोगों की बेहतरी के लिए मेहनत कर रही है तो यहां अधिकारियों में डर फैलाने और काम रुकवाने के लिए भाजपा फर्जी शिकायतें कर रही है. उपराज्यपाल भी सभी नियम कायदे-कानूनों को दरकिनार करते हुए इन फर्जी और पुरानी शिकायतों पर एसीबी को जांच के आदेश दे देते हैं.

3. मनीष सिसोदिया ने कहा कि दो साल पहले मनोज तिवारी ने दावा और शिकायत की थी कि सरकार द्वारा स्कूल बनवाने में भ्रष्टाचार किया गया है और जब वो कोर्ट में कोई तथ्य व सबूत पेश नहीं कर सकें और उन पर मानहानि का मुकदमा किया गया, तो मानहानि के मुक़दमे से बचने के लिए मनोज तिवारी व भाजपा के अन्य नेता शीर्ष अदालतों में जाकर खुद को बचाने की गुहार लगाने लगे. आज दोबारा मनोज तिवारी फर्जी शिकायत करने लगे हैं.

4. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया कि सांसद मनोज तिवारी द्वारा अस्पताल बनाने में भ्रष्टाचार को लेकर की गई फर्जी शिकायत एक साल पुरानी है और तब पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उसकी पड़ताल के बाद पाया कि यह शिकायत राजनीति से प्रेरित है, इसलिए उन्होंने इसमें आगे जांच के आदेश नहीं दिए, लेकिन नए उपराज्यपाल ने इस एक साल पुरानी शिकायत को फिर उठाकर एसीबी को जांच के लिए सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि हम जांच से नहीं डरते, लेकिन उपराज्यपाल इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें.

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5. सिसोदिया ने आपत्ति जताते हुए कहा कि ‘भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम’ के सितम्बर 2021 के तात्कालिक एसओपी के अनुसार, किसी भी अधिकारी के खिलाफ जांच करने का आदेश देने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी जरुरी होती है, लेकिन नए उपराज्यपाल ने इसका उल्लंघन करते हुए बिना राज्य सरकार की मंजूरी लिए यह केस एसीबी को सौंप दिया है. इसका सीधा मतलब है कि भाजपा के नेताओं की झूठी शिकायतों द्वारा दिल्ली में काम रुकवाने की कोशिश की जा रही है या फिर उपराज्यपाल किसी प्रक्रिया का पालन किए बिना काम करना चाहते हैं.

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सवाल करते हुए कहा कि क्यों नए एलजी पिछले एलजी के निर्णय को गलत मान रहे हैं और ‘भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम’ के नियमों का पालन न करते हुए भाजपा के इशारों पर एसीबी को जांच के आदेश दे रहे हैं. सिसोदिया ने बताया कि उन्होंने  उपराज्यपाल को पत्र भी लिखा है और पत्र में कहा है कि यदि उपराज्यपाल को दिल्ली में भ्रष्टाचार रोकना है, तो वो भाजपा के नेताओं की जगह आम जनता से शिकायतें मांगे और देखें कि कैसे एमसीडी, दिल्ली पुलिस और डीडीए ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार से लिप्त हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के बेंच ने उपराज्यपाल व सरकार दोनों को साथ मिलकर काम करने के लिए कहा है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि भाजपा के नेता काम रुकवाने आएं, तो कानूनों को दरकिनार करें.

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