
दिल्ली में आम आदमी सरकार की कैबिनेट ने मेट्रो के चौथे चरण को मंजूरी दे दी है, जिससे मेट्रो की छह नई लाइनों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया.
दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने चौथे चरण का खाका दिल्ली सरकार के पास भेजा था, लेकिन दिल्ली सरकार मेट्रो के अलाइमेंट को लेकर अपने सुझाव इसमें शामिल करवाना चाहती थी. दिल्ली सरकार के मुताबिक, बदलाव के बाद जब चौथे चरण का प्रस्ताव दिल्ली सरकार के पास भेजा गया, तो शुक्रवार को दिल्ली कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी.
दिल्ली मेट्रो की छह नई लाइनें बनेंगी
नए प्रस्ताव के मुताबिक, चौथे चरण में दिल्ली मेट्रो की छह नई लाइनें होंगी, जो कि मुख्य रूप से मौजूदा लाइनों के ही विस्तार और इनको आपस में जोड़ने को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण लाइन जनकपुरी से आरके आश्रम के बीच होगी. इन दोनों ही जगहों पर अभी भी मेट्रो स्टेशन है, लेकिन अब नए रूट से मेट्रो इन दोनों जगहों को जोड़ेगी. इससे फायदा यह होगा कि मेट्रो की दूसरी लाइनों के साथ नए इंटरचेंज स्टेशन उपलब्ध हो पाएंगे.
इसके अलावा रिठाला से आगे बवाना होते हुए नरेला तक बढ़ाया जाएगा, जिसमें बाहरी दिल्ली का एक बड़ा हिस्सा मेट्रो नेटवर्क के दायरे में आ जाएगा. वहीं इंद्रलोक से लेकर इंद्रप्रस्थ तक भी एक और लाइन बनाई जा रही हैं. लाजपत नगर की तीसरे फेज में बनने वाली लाइन से जोड़ते हुए जीके तक भी एक और लाइन बनाने का फैसला चौथे चरण की योजना में शामिल हैं.
चौथे चरण के विस्तार में 50 हजार करोड़ रुपये का खर्च
चौथे चरण में मेट्रो की लाइनों की कुल लंबाई 103 किलोमीटर होगी और इस पर करीब 50 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इस खर्च को केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर उठाती हैं. साथ ही इंटरनेशनल बैंक से भी आर्थिक सहायता मांगी जाती है. मेट्रो के शुरुआती निर्माण में जापान ने वित्तीय मदद की थी.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कैबिनेट की मीटिंग के बाद बताया कि कैबिनेट में मंजूरी के बाद अब चौथे चरण की फाइल केंद्र सरकार के पास भेजी जाएगी, जहां नई मेट्रो लाइनों के निर्माण से जुड़ी कुछ औपचारिकताएं पूरी होने के बाद जल्दी ही चौथे चरण के निर्माण का काम भी शुरु कर दिया जाएगा.