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दिल्ली वासियों को राहत! हथिनीकुंड बैराज से हरियाणा ने 16,000 क्यूसेक पानी छोड़ा

दिल्ली (Delhi) में मानसून (Monsoon) की दस्तक के साथ ही पानी की किल्लत (Water Scarcity) से भी छुटकारा मिलने की उम्मीद है. दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) के वाइस चेयरमैन राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने दावा किया है कि हरियाणा (Haryana) ने 16,000 क्यूसेक पानी हथिनीकुंड बैराज से दिल्ली की ओर छोड़ दिया है, जो अगले 3-4 दिन में दिल्ली पहुंच जाएगा.

 यमुना में पानी न होने के चलते तीन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के प्रोडक्शन पर असर पड़ा है. यमुना में पानी न होने के चलते तीन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के प्रोडक्शन पर असर पड़ा है.
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 13 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 5:16 PM IST
  • हथिनीकुंड बैराज से दिल्ली की ओर छोड़ा गया पानी
  • तीन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के प्रोडक्शन पर पड़ा असर

दिल्ली (Delhi) में मानसून (Monsoon) की दस्तक के साथ ही पानी की किल्लत (Water Scarcity) से भी छुटकारा मिलने की उम्मीद है. दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) के वाइस चेयरमैन राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने दावा किया है कि हरियाणा (Haryana) ने 16,000 क्यूसेक पानी हथिनीकुंड बैराज से दिल्ली की ओर छोड़ दिया है, जो अगले 3-4 दिन में दिल्ली पहुंच जाएगा.

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राघव चड्ढा ने कहा कि हरियाणा सरकार पर हमने दबाव बनाया, कई राउंड बात की और सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की. याचिका दायर करने के कुछ ही समय बाद हरियाणा सरकार ने 16,000 क्यूसेक पानी दिल्ली की ओर छोड़ दिया है. अगले 3-4 दिन में ये पानी दिल्ली पहुंच जाएगा.

दिल्ली जलबोर्ड से मिली जानकारी के मुताबिक यमुना में पानी न होने के चलते तीन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के प्रोडक्शन पर असर पड़ा है. 

- वजीराबाद प्लांट की क्षमता 135 एमजीडी के घटकर 80 एमजीडी हो गई है.
- चंद्रवाल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 90 एमजीडी से घटकर 55 एमजीडी पर पहुंच गई है.
- ओखला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 20 एमजीडी से घटकर 12 एमजीडी रह गई है.

सोमवार को दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन राघव चड्ढा ने वज़ीराबाद वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा किया. राघव चड्ढा ने बताया कि 1965 के बाद पहली बार वज़ीराबाद बैराज में जलस्तर सबसे कम स्तर पर है. राघव ने कहा कि यमुना नदी इतनी ज़्यादा सूख गयी है कि रिवर बेड नज़र आने लगा है. इस सूखे इलाके में हॉकी, गिल्ली डंडा खेला जा सकता है.  पानी इतना कम है कि अब नाव नहीं चलाई जा सकती है क्योंकि हरियाणा सरकार ने रोजाना भेजा जाने वाला दिल्ली के हक़ का 120 MGD पानी नहीं दिया है.

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दिल्ली में पानी की किल्लत से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे, इस सवाल पर राघव चड्ढा ने बताया  कि दिल्ली लैंड लॉक शहर है जो पड़ोसी राज्यों से घिरा हुआ भी है. दिल्ली के पास अपना समंदर नहीं है. दिल्ली को उत्तर प्रदेश से गंगा का पानी, पंजाब के भाखड़ा नांगल और हरियाणा से यमुना नदी के ज़रिए पानी मिलता है. सबसे बड़ा हिस्सा यमुना नदी का होता है जो आज सूख गया है. इस वजह से सेंट्रल दिल्ली, वेस्ट दिल्ली और साउथ दिल्ली में पानी की किल्लत हो रही है.

 इसपर भी क्लिक करें- दिल्ली बनाम हरियाणा: पानी को लेकर क्यों छिड़ी है जंग, क्या है समस्या?

आगे राघव चड्ढा ने कहा कि जिन इलाकों में पानी की किल्लत नहीं है वहां से वॉटर टैंकर को किल्लत वाले इलाकों में डाइवर्ट किया जा रहा है. दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियर और हेल्पलाइन सेंटर, जल संकट से उबारने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. साथ ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हरियाणा सरकार से दिल्ली के हक़ का पानी मांगा है.

बता दें कि सोमवार को 'आजतक' ने 55 साल बाद सूखी यमुना नदी की तस्वीर दिखाई थी. 8 से 9 फीट की ऊंचाई तक बहने वाली यमुना नदी पूरी तरह सूख गयी है. यमुना नदी का पानी सूख जाने की वजह से वज़ीराबाद वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी का प्रोडक्शन 100 MGD तक कम हो गया था.

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