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AAP को झटका, कोर्ट ने दोनों MLA को नहीं दी जमानत, भेजे गए तिहाड़

दिल्ली में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट और बदसलूकी के मामले में गिरफ्तार किए गए आप पार्टी के दोनों विधायकों को कोर्ट की ओर से जमानत नहीं मिली. इसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया. कोर्ट का यह फैसला आप पार्टी के लिए बड़ा झटका है.

अमानतुल्ला खान (फाइल फोटो) अमानतुल्ला खान (फाइल फोटो)
पूनम शर्मा/परबीना पुरकायस्थ
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:49 PM IST

दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट और बदसलूकी के मामले में गिरफ्तार किए गए सत्तारुढ़ आप पार्टी के दोनों विधायकों अमानतुल्ला खान और प्रकाश जरवाल की जमानत अर्जी को तीस हजारी कोर्ट में ठुकरा दिया. कोर्ट के इस फैसले के बाद दोनों को तिहाड़ जेल भेज दिया गया है.

कोर्ट के सामने दोनों विधायकों की ओर से बेल की अर्जी दी गई थी. जमानत को लेकर विधायक के वकील का कहना था कि इस मामले में कुछ भी ऐसा नहीं है, जिससे उनकी जमानत को खारिज किया जा सके. दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस के वकील की ओर से कहा गया है कि इस मामले में जांच अभी पूरी नहीं हुई है, लिहाजा इस स्टेज पर जमानत नहीं दी जानी चाहिए.

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दिल्ली के मुख्य सचिव से मारपीट और बदसलूकी के मामले में गिरफ्तार किए गए आप पार्टी के दोनों विधायकों को बुधवार को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया था, जहां पुलिस ने दोनों की 2 दिन की पुलिस रिमांड मांगी थी, लेकिन जज ने उसे कैंसिल कर दिया.

बृहस्पतिवार को लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने विधायकों की जमानत नहीं दिया जिससे सत्तारुढ़ आप पार्टी के दावे को बड़ा झटका लगा है. दोनों विधायकों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत के लिए भेज दिया गया है, हालांकि जमानत याचिका पर सुनवाई कल भी जारी रहेगी.

पहले से योजना बनाई गई थीः पुलिस

कोर्ट में दोनों विधायकों के बेल दिए जाने पर विरोध दर्ज कराते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि मुख्य सचिव को पीटे जाने की घटना को पूरी तरह से योजना के साथ अंजाम दिया गया. झगड़े की शुरुआत इन दोनों विधायकों की तरफ से ही की गई, उसके बाद अन्य विधायकों ने भी शोर मचाना शुरू कर दिया, ये सब सोची समझी रणनीति का हिस्सा था.

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इस मामले में मुख्यमंत्री आवास से सीसीटीवी फुटेज का अभी भी पुलिस इंतजार कर रही है, दिल्ली पुलिस ने फिलहाल नई अर्जी लगाई है कि दोनों विधायकों की पुलिस हिरासत में भेजा जाए.

मुख्यमंत्री ने रोकने की कोशिश नहीं की

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मुख्य सचिव को बताया था कि बैठक में सिर्फ 4 लोग होंगे, जिसमें खुद मुख्यमंत्री, मनीष सिसोदिया और 2 अन्य शामिल थे, लेकिन जब मुख्य सचिव वहां पहुंचे तो 11 विधायक वहां पहले से ही मैजूद थे, जो यह साबित करती है कि इसके पीछे कोई साजिश रची गई थी.

बैठक के दौरान जब विधायकों की ओर से मुख्य सचिव के साथ मारपीट की गई तो उसे केजरीवाल या मनीष सिसौदिया की तरफ से रोकने की एक बार भी कोशिश नहीं की गई, जबकि वो इसे रोक सकते थे.

इससे पहले सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि दोनों की 2 दिन की पुलिस रिमांड जरूरत है. पुलिस को दोनों लोगों को आमने-सामने बिठा कर पूछताछ करनी है. इस पूछताछ के जरिए पुलिस यह जानना चाहती है कि मुख्य सचिव से मारपीट और बदसलूकी करने के पीछे इनका क्या उद्देश्य था.

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