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AAP सांसद संजय सिंह बोले- राष्ट्रीय संकट है प्रदूषण, संसद चर्चा कर बनाए योजना

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि क्या संसद में चर्चा के जरिए प्रदूषण का स्थायी समाधान निकाल सकते हैं, इस बारे में सरकार को एक योजना बनानी चाहिए.

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 7:00 PM IST

  • दिल्ली एनसीआर से लेकर पूरा उत्तर भारत प्रदूषण की चपेट में है
  • संसद की स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में नहीं शामिल हुए थे कई सांसद

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने 18 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में प्रदूषण पर चर्चा करने की मांग उठाई है. AAP नेता संजय सिंह ने बताया कि उन्होंने रविवार को ऑल पार्टी मीटिंग में यह मुद्दा उठाया.  

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आजतक से बातचीत के दौरान संजय ने कहा कि ऑल पार्टी मीटिंग में सरकार ने अपना पक्ष रखा, लेकिन हमारी तरफ से खास तौर पर प्रदूषण का मुद्दा इस बैठक में उठाया गया. आम आदमी पार्टी की तरफ से मांग रखी गई कि प्रदूषण अब राष्ट्रीय संकट का रूप ले रहा है. पंजाब से लेकर पटना तक प्रदूषण की स्थिति खराब हो रही है. ऐसे में देश की संसद में चर्चा होनी जरूरी है.

सरकार को बनानी चाहिए योजना

संजय सिंह ने कहा कि क्या संसद में चर्चा के जरिए प्रदूषण का स्थायी समाधान निकाल सकते हैं, इस बारे में सरकार को एक योजना बनानी चाहिए. अब केंद्र सरकार की मंशा के ऊपर है कि वो प्रदूषण को गंभीर समस्या मानती है तो संसद में चर्चा करनी चाहिए. यह वोट की राजनीति नहीं बल्कि लोगों की सेहत से जुड़ा मुद्दा है.

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शिक्षा-पानी का विरोध करते आई है बीजेपी

बीजेपी से राज्यसभा सांसद विजय गोयल द्वारा प्रदूषण के मुद्दे पर प्रदर्शन के सवाल पर आम आदमी पार्टी राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के पास सिर्फ केजरीवाल का विरोध करना ही मुद्दा है. शिक्षा, पानी, बिजली पर बीजेपी सिर्फ विरोध करती आई है.

APP ने खड़े किए थे सवाल

बता दें कि पिछले कई हफ्तों से दिल्ली एनसीआर से लेकर पूरा उत्तर भारत प्रदूषण की चपेट में है. हाल ही में प्रदूषण के मुद्दे पर संसद की स्टैंडिंग कमिटी द्वारा बुलाई बैठक में पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर के गैरहाजिर रहने पर आम आदमी पार्टी ने सवाल भी खड़े किए थे. हैरानी की बात है कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बावजूद राजनीतिक दल, सरकार और एजेंसियां प्रदूषण पर ठोस समाधान निकालते नजर नहीं आ रही हैं.

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