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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने जेल में उचित भोजन नहीं दिए जाने को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले पर अदालत कल दोपहर तीन बजे फैसला सुनाएगी. याचिका में जैन ने उन्हें पारंपरिक भोजन देने की गुहार लगाई थी. उन्होंने कहा था कि जेल प्रशासन को निर्देश दिया जाए कि उन्हें सब्जियां, फल और मेवे दिए जाएं.
याचिका में जैन ने कहा था कि उन्हें जेल में कुछ भी मुहैया नहीं कराया जा रहा है. उन्होंने मुझे सही आहार नहीं दिया है. उनका एजेंडा कुछ और है. इसके बाद अदालत ने तिहाड़ जेल से इस पर जवाब मांगा था.
सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ की गई
इस मामले में सत्येंद्र जैन के वकील राहुल मेहरा ने अदालत को बताया कि सीसीटीवी फुटेज से यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि उनके मुवक्किल सत्येंद्र जैन जेल में विलासिता का जीवन बिता रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जेल नियमों के अनुसार उनके मुवक्किल को उचित खाना दिया जाना चाहिए. क्या खाना बाहर से आ रहा है? वीडियो से छेड़छाड़ कर यही दिखाने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन लगातार झूठ बोल रहा है, इन पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए.
डॉक्टर की सलाह पर फिजियोथेरेपी दी गई
सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि डॉक्टर की सलाह पर जेल में जैन को फिजियोथेरेपी दी गई. लेकिन वीडियो से छेड़छाड़ कर यह दिखाने की कोशिश की गई कि जैन को जेल में मसाज मिल रही है.
जैन के वकील ने कहा कि अदालत को जेल प्रशासन से पूछना चाहिए कि क्या जेल में मसाज पार्लर है? क्या जेल में मसाज दिया जाता है?
उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन कहता है कि सीसीटीवी फुटेज एक महीने के बाद डिलीट कर दी जाती है. लेकिन जो फुटेज लीक कर ईडी को दी गई, वह सितंबर महीने की थी. यह बताना चाहिए कि ईडी को जो सीसीटीवी फुटेज दी गई, वह कब दी गई? वह कहां रखी गई थी?
सत्येंद्र जैन के वकील ने अदालत से अनुरोध किया है कि उनके मुवक्किल को बीते छह महीने से जो खाना दिया जा रहा है. वह आगे भी दिया जाना चाहिए.
क्या कहा याचिका में?
सत्येंद्र जैन ने याचिका में कहा था कि उन्हें जेल परिसर में 'जैन आहार' (religious diet) और मंदिर नहीं जाने दिया जा रहा है. सत्येंद्र जैन ने कहा है कि वे बिना मंदिर गए नियमित भोजन नहीं करते हैं. रोज पहले मंदिर जाते हैं, उसके बाद ही कुछ खाते हैं. जैन ने आगे कहा कि वे उपवास में आहार के रूप में फल और सलाद लेते हैं. मंदिर गए बिना पके हुए भोजन नहीं करने की धार्मिक परंपरा का पालन करते हैं. इसके चलते जेल में पके हुए भोजन, अनाज और दुग्ध उत्पादों का सेवन नहीं कर रहे हैं. पिछले 2 दिन से उन्हें आहार के रूप में फल और सलाद नहीं दिया जा रहा है. इससे उन्हें परेशानी हो रही है.