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सौरभ भारद्वाज ने समझाई दिल्ली हिंसा की क्रोनोलॉजी, कहा- इसमें BJP का रोल

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि महाभारत के युद्ध में कौरव और पांडवों का युद्ध हुआ लेकिन क्रोनोलॉजी देखें तो दुर्योधन के मामा शकुनि ने पांडवों के लिए कौरवों के दिल में नफरत भरी. तो दिल्ली के दंगों की मंथरा और शकुनि, बीजेपी के वो नेता थे जिन्होंने जहरीले बयान दिए.

सौरभ भारद्वाज सौरभ भारद्वाज
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 18 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 6:03 PM IST

  • भारद्वाज ने कहा, BJP के नेताओं ने लोगों में नफरत भरी
  • तय स्क्रिप्ट के तहत दिल्ली का माहौल सांप्रदायिक बनाया

दिल्ली हिंसा को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सौरभ भारद्वाज ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है. भारद्वाज ने मंगलवार को कहा, "...दिल्ली चुनाव के बाद फरवरी में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगे हुए थे. बीजेपी नेताओं ने एक तय स्क्रिप्ट के अनुसार दिल्ली के माहौल को इतना सांप्रदायिक और जहरीला कर दिया था कि 2 समुदाय के बीच दंगा हो सकता था. अब, अमित शाह की भाषा में कहें तो क्रोनोलॉजी को समझना बेहद जरूरी है.''

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सौरभ भारद्वाज ने कहा, ''रामायण में भगवान राम को वनवास क्यों हुआ क्योंकि कैकेयी माता के साथ एक महिला थी मंथरा, जो पूरे दिन राम के खिलाफ कैकेयी के दिल मे नफरत भरती थी. वनवास भेजने के लिए नाम कैकेयी का आता है लेकिन क्रोनोलॉजी समझेंगे तो मंथरा वजह थी. महाभारत के युद्ध में कौरव और पांडवों का युद्ध हुआ लेकिन क्रोनोलॉजी देखें तो दुर्योधन के मामा शकुनि ने पांडवों के लिए कौरवों के दिल में नफरत भरी. तो दिल्ली के दंगों की मंथरा और शकुनि, बीजेपी के वो नेता थे जिन्होंने जहरीले बयान दिए. चाहे अनुराग ठाकुर हों, प्रवेश साहेब सिंह वर्मा हों, गिरिराज सिंह हों, योगी आदित्यनाथ हों, अमित शाह हों या कपिल मिश्रा. इन सभी ने दिल्ली में सांप्रदायिक बयान दिए और एक संप्रदाय के दिल में दूसरे संप्रदाय के खिलाफ खुल्लमखुल्ला नफरत भरी."

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आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज जब शाहीन बाग के प्रदर्शन को चलाने वाले बीजेपी ज्वाइन कर रहे हैं तो साफ हो जाता है कि इन्हीं के लोग इस तरफ हिंदुओं को भड़का रहे थे और उस तरफ शाहीन बाग में मुसलमानों को. दंगा कराने के पीछे इन प्रमुख लोगों और बीजेपी की जिम्मेदारी है. आम आदमी पार्टी मांग करती है कि शाहीन बाग के प्रदर्शन में शामिल उन प्रमुख लोगों की जांच हो जिन्होंने बीजेपी ज्वाइन की. पिछले 3 महीने से किन किन बीजेपी नेताओं के संपर्क में थे. बीजेपी नेताओं से उन्हें क्या निर्देश मिलते थे और शाहीन बाग का प्रदर्शन करवाने और उसे जारी रखने में इनकी क्या भूमिका थी?

भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली का चुनाव हारने के बाद 22 फरवरी को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने धरना दिया. 23 फरवरी को बीजेपी नेता कपिल मिश्रा वहां पहुंचे और डीसीपी के सामने भड़काऊ बयान दिया. उसी दिन रात को वहां झगड़े शुरू हो गए. 24 फरवरी को सीएए के समर्थन में प्रदर्शनकारियों ने धरना देना शुरू किया और पुलिस वहां मौजूद थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. फिर पुलिस की मौजूदगी में दंगा हुआ.

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