
दिल्ली में मेयर चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी और कांग्रेस में डील हुई है, इसीलिए कांग्रेस ने चुनाव से बाहर रहने का फैसला लिया है. AAP प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस-बीजेपी की डील उजागर हो गई है.
सौरभ भारद्वाज ने मेयर चुनाव में बीजेपी के लिए अच्छा होगा अगर कांग्रेस सदन से बाहर रहेगी और कांग्रेस इसके लिए सहमत भी हो गई है. आप नेता ने आरोप लगाया कि मेयर चुनाव से दूर रहने के लिए बीजेपी ने एमसीडी में कांग्रेस नेता नाजिश दानिश को हज कमेटी का सदस्य बनाया है.
निगम में कांग्रेस की चीफ व्हिप शगुफ्ता चौधरी ने बताया था कि कांग्रेस चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी. कांग्रेस के पार्षद वाकआउट करेंगे. पार्टी इसके लिए राजी हो गई. हम मेयर चुनाव में भाग नहीं लेंगे. बीजेपी और आप साथ हैं. हम किसी की मदद नहीं करेंगे. हम सिर्फ वॉकआउट करेंगे. बता दें कि आज दिल्ली मेयर के लिए चुनाव होने हैं. इसमें कांग्रेस ने हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है. कांग्रेस ने ओखला के जाकिर नगर वार्ड से पार्षद नाजिया दानिश को अपना नेता सदन बनाया है.
मेयर बनने के लिए चाहिए 138 वोट
दिल्ली नगर निगम में प्रथम नागरिक यानी मेयर बनने के लिए 138 वोट चाहिए. सभी निर्वाचित 250 पार्षद दिल्ली के 7 लोकसभा सांसद, तीन राज्यसभा सांसद और विधानसभा अध्यक्ष की ओर से 14 मनोनीत विधायक मेयर के चुनाव में वोट करेंगे. आम आदमी पार्टी के 134 जीते हुए पार्षदों के साथ मेयर पद के लिए उम्मीदवार शैली ओबरॉय की जीत पक्की मानी जा रही है. इसके पीछे आम आदमी पार्टी का बहुमत का नंबर है. 138 वोट पाने वाला उम्मीदवार 1 साल के लिए दिल्ली का मेयर बन जाता है, लेकिन इस बार चुनी जाने वाली मेयर का कार्यकाल केवल 3 महीने के लिए है. दिल्ली नगर निगम के एक्ट के मुताबिक मेयर का कार्यकाल हर साल 1 अप्रेल से शुरू माना जाएगा.