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मुंडका अग्निकांड: तो क्या 27 मौतों के जिम्मेदार हैं बीजेपी के ये तीन बड़े नेता? AAP ने लगाए गंभीर आरोप

मुंडका हादसे में ज्यादातर शव इस कदर झुलस गए हैं कि उनकी शिनाख्त नहीं हो पा रही है. अब पुलिस प्रशासन ने डीएनए टेस्ट और बायो प्रोफाइलिंग कराने का निर्णय लिया है. इसके लिए फॉरेंसिक विशेषज्ञ 26 परिवारों से सैंपल ले रहे हैं.

AAP प्रावक्त सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर लगाए आरोप. AAP प्रावक्त सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर लगाए आरोप.
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 18 मई 2022,
  • अपडेटेड 4:10 PM IST
  • दिल्ली सरकार को हादसे का जिम्मेदार बनाना चाहती है बीजेपी
  • मेन रोड पर बनी है बिल्डिंग, एक्सटेंडेड लाल डोरा में आती है

मुंडका में कुछ दिन पहले गैर कानूनी रूप से बनी बिल्डिंग में आग लगने से 27 लोगों की बुरी तरह झुलसकर मौत हो गई थी. इस अग्निकांड को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष व दो पूर्व प्रदेश अध्यक्षों को इस हादसे के लिए जिम्मेदार बताया है.

प्रवक्ता का कहना है कि 3 दिन से बीजेपी नेता शोर मचाकर कोशिश कर रहे थे कि दिल्ली सरकार पर इस हादसे की जिम्मेदारी डाल दी जाए. उन्होंने बताया कि जिस बिल्डिंग में आग लगी वह मेन रोड पर है और यह एक्सटेंडेड लाल डोरा में आती है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं कि BJP या MCD को इसकी जानकारी नहीं है लेकिन इस मामले में रिश्वत खाई गई है.

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बीजेपी नेता की गाड़ी से घूमते थे बिल्डिंग के मालिक

आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि 2015 के विधानसभा चुनाव में मुंडका के BJP के प्रत्याशी रहे आजाद सिंह जो साहिब सिंह वर्मा के छोटे भाई और प्रवेश वर्मा के चाचा हैं, उनका चुनाव कार्यालय इसी बिल्डिंग में था. इस बिल्डिंग के मालिक आजाद सिंह की गाड़ी में घूम रहे थे. मैं चाहूंगा कि दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता इन सब बातों को झुठलाएं.

केवल वाइन शॉप के लिए दी गई की थी NOC

सौरभ भारद्वाज ने बताया कि 2016 में नरेला जोन के असिस्टेंट कमिश्नर ने उसकी NOC दी थी. इस पर आदेश गुप्ता का कहना है कि उस बिल्डिंग में वाइन शॉप थी, जिसके लिए एक्साइज डिपार्टमेंट ने अनुमति दी. सौरभ बोले कि मैं उन्हें कहना चाहूंगा कि एक्साइज डिपार्टमेंट को इसके लिए NOC एमसीडी ने ही दी थी. जबकि उस बिल्डिंग का न नक्शा था, न लाइसेंस फिर भी कमर्शियल ऑथराइजेशन दे दिया. 

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सील होने के बाद भी इस्तेमाल होती रही बिल्डिंग 

सौरभ भारद्वाज ने बताया कि 2017 में शिकायत पर एमसीडी ने लाइसेंज कैंसल कर दिया था फिर 2019 में सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने बिल्डिंग को सील कर दिया. सवाल यह है कि सीलिंग के बावजूद उस बिल्डिंग में कमर्शियल गतिविधि कैसे चल रही थी. जबसे यह बिल्डिंग बननी शुरू हुई तब से अबतक BJP के 3 प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय, मनोज तिवारी और आदेश गुप्ता रहे हैं.

तीनों नेताओं पर दर्ज हो गैर इरादतन हत्या का केस

आप आदमी के प्रवक्ता ने कहा कि इस बिल्डिंग को लेकर जब हमने सवाल किया तो सतीश उपाध्याय, मनोज तिवारी और आदेश गुप्ता इसके बचाव में आए. इसका मतलब है कि ये तीनों भी इस मामले में बराबर के साझीदार हैं. ऐसे में इन तीनों पर भी गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. चूंकि एमसीडी अब सीधे-सीधे केंद्र के अधीन है, ऐसे में हम केंद्र और गृह मंत्री से यह अपील कर रहे हैं कि इनपर कार्रवाई की जाए.

मेयर और प्रदेश अध्यक्ष पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई

आज जब SDM की कार्रवाई हो रही है और हम सवाल उठा रहे हैं, तो नॉर्थ एमसीडी ने 4 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. इंस्पेक्टर सबसे निचले स्तर के अधिकारी होते हैं. मेयर और आदेश गुप्ता पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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