
देश और चुनाव का एजेंडा तय करने में ताकतवर साबित हो चुका सोशल मीडिया लोकसभा चुनाव-2019 में भी अहम रोल अदा करेगा. लिहाजा सभी दल अपनी साइबर आर्मी तैयार कर रहे हैं. इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी राजधानी में 15000 साइबर सैनिकों की फौज खड़ी करने की तैयारी कर रही है.
AAP की निगाह दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर है. फिलहाल इन सभी सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. आम आदमी पार्टी इन सीटों को फतह करना चाहती है. पार्टी ने कई सीटों पर अभी से ही अपने कैंडिडेट की अनाधिकारिक घोषणा कर दी है. चुनाव तैयारी की अगली कड़ी में आम आदमी पार्टी की तैयारी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर है.
AAP के सोशल मीडिया सेल के सूत्रों का दावा है कि पार्टी ने अब तक 8000 कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया सेल से जोड़ा है और जल्दी ही यह संख्या 15000 तक पहुंच जाएगी. आप के सोशल मीडिया सेल प्रमुख अंकित लाल ने आज तक के सवालों के जवाब में कहा कि पार्टी 15000 सोशल मीडिया वॉलंटियर को जोड़ेगी जो अगले चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए हर वार्ड में आंख और कान का काम करेंगे.
आम आदमी पार्टी की रणनीति है कि दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों के हर जिले में, हर विधानसभा में आने वाले हर वार्ड के भीतर 5 सोशल मीडिया सैनिक तैनात हों. सोशल मीडिया आर्मी का काम केजरीवाल सरकार के कामों को ट्विटर, फेसबुक, वॉट्सऐप और यूट्यूब चैनल के जरिए जनता तक पहुंचाना होगा. सूत्रों के मुताबिक पार्टी अपने सोशल मीडिया फौज को विरोधी खेमे द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार को काउंटर करने के लिए इस्तेमाल करेगी.
आप की यह साइबर सेना विरोधियों की हर रैली जनसभा और गतिविधियों को मॉनिटर करेगी साथ ही उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी नजर रखेगी. केजरीवाल के साइबर सैनिक, दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी के प्रचार प्रसार के लिए खुद ही कंटेंट बनाएंगे और साथ ही पार्टी द्वारा दिए गए कंटेंट को भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए वायरल करेंगे. वहीं विरोधियों द्वारा लगाए गए आरोप और उनके बयानों पर भी पार्टी आक्रामकता के साथ सोशल मीडिया के जरिए काउंटर करेगी.