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1 घंटे बाद बिना कुछ बोले केजरीवाल के घर से निकल गए 'नाराज विश्वास'

आम आदमी पार्टी में शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसा लग रहा है कि मंगलवार देर रात केजरीवाल के घर कुमार विश्वास की मौजूदगी में हुई आप नेताओं की मीटिंग भी बेनतीजा ही रही.

कुमार विश्वास कुमार विश्वास
अंकित त्‍यागी
  • नई दिल्ली,
  • 03 मई 2017,
  • अपडेटेड 9:26 AM IST

आम आदमी पार्टी में शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसा लग रहा है कि मंगलवार देर रात केजरीवाल के घर कुमार विश्वास की मौजूदगी में हुई आप नेताओं की मीटिंग भी बेनतीजा ही रही. दरअसल, तकरीबन एक घंटे चली गोपनीय बैठक के बाद कुमार विश्वास मीडिया से बिना बात किए ही अपने घर की ओर रवाना हो गए. आपको बता दें कि नाराज कुमार विश्वास को अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया खुद मुख्यमंत्री आवास लेकर आए थे. लेकिन, ऐसा लग रहा है कि मतभेदों को पाटने की अंतिम कोशिश नाकाम रही.

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मीटिंग के बाहर निकलते वक्त खास बात यह थी कि कुमार विश्वास के साथ उनकी पत्नी भी मौजूद थीं. केजरीवाल के घर हुई इस बैठक में कुमार विश्वास के अलावा मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, आशुतोष शामिल थे. जबकि थोड़ी देर बाद आप मंत्री कपिल मिश्रा भी बैठक में शामिल हुए थे. कपिल मिश्रा पार्टी में कुमार विश्वास के करीबी माने जाते हैं.

जानकारी के मुताबिक मीटिंग से बाहर निकलने के बाद कुमार विश्वास और कपिल मिश्रा सीधे अपने-अपने घर पहुंचे. जबकि केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और आशुतोष मुख्यमंत्री आवास पर मंत्रणा ही करते रहे.

केजरीवाल गए थे विश्वास के घर
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मनीष सिसोदिया के साथ विश्वास को मनाने उनके घर गए थे. मुलाकात के बाद केजरीवाल उनको लेकर मुख्यमंत्री आवास चले आए थे. गाजियाबाद में हुई मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा था कि कुमार विश्वास को मना लेंगे.

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विश्वास ने दी थी डेडलाइन
दरअसल, पार्टी के हालातों और ताजा घटनाओं से दुखी कुमार विश्वास ने अपने अगले कदम के लिए सोमवार रात की डेडलाइन फिक्स की थी. जिसके बाद तमाम आप नेता उन्हें मनाने उनके घर पहुंचे थे.

समर्थकों ने दिया धरना
इस बीच कुमार विश्वास के समर्थकों ने उनके घर के सामने नारेबाजी करते हुए अमानतुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर गेट पर धरना शुरू कर दिया. विश्वास पर लगाए गए आरोपों पर उनके समर्थक सहमत नहीं है. समर्थकों के मुताबिक पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर रहा है.

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