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नई दिल्ली: 14 साल की बच्ची के जबड़े में था सबसे बड़ा ट्यूमर, एम्स के डॉक्टरों ने सफल सर्जरी कर ठीक किया

दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने बुधवार को जबड़े के एक दुर्लभ ट्यूमर की सफल सर्जरी कर दी. यह हाइपरपैराथायरायडिज्म ट्यूमर था. डॉक्टरों के मुताबिक अगर यह ऑपरेशन नहीं किया जाता तो बच्ची हमेशा के लिए खाना न खा पाती और न ही बोल पाती. उनका दावा है कि यह ट्यूमर बहुत बड़ा था.

दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने दुर्लभ ट्यूमर की सफल सर्जरी की (फाइल फोटो) दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने दुर्लभ ट्यूमर की सफल सर्जरी की (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 मई 2023,
  • अपडेटेड 12:32 PM IST

दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने 14 साल की एक बच्ची के जबड़े से दुर्लभ तरह के ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटा दिया है. बच्ची को जबड़े की आंतरिक कोशिका में हाइपरपैराथायरायडिज्म ट्यूमर था. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के तहत किशोरी का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक यह उनकी जानकारी में हाइपर पैराथायरायडिज्म से जुड़ा जबड़े का अब तक का सबसे बड़ा ट्यूमर था. 

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18X15 सेंटीमीटर के आकार का था ट्यूमर

डॉक्टरों ने बताया कि ट्यूमर का आकार 18 गुणा 15 सेंटीमीटर था. इसके कारण उसका चेहरा अजीब से हो गया था. उसे बोलने में दिक्कत होती थी. यह ऑपरेशन एम्स के सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. सुनील चंबर और डॉ. अजय रॉय चौधरी ने किया है. 

जबड़ की हड्डी में हो सकता था फ्रैक्चर

डॉ. रॉय चौधरी ने कहा, "इस लड़की के जबड़े में जो ट्यूमर था, वह बहुत खतरनाक था क्योंकि ब्लीडिंग के अलावा इसकी वजह से लड़की हमेशा के लिए खा या बोल नहीं पाती. उन्होंने आगे कहा कि अगर उसका इलाज नहीं किया जाता है, तो उसके दांतों को नुकसान होता और उसके जबड़े की हड्डी में फ्रैक्चर भी हो सकता था.

पैराथायराइड हार्मोन बढ़ने से होती है समस्या

पैराथायरायड ग्रंथि गर्दन में होती है. ये चार मटर के आकार की होती हैं. यह मानव शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट के संतुलन को बनाए रखती है. यह ग्रंथि पैराथायराइड हार्मोन (पीटीएच) का स्राव करती है, जो रक्त में कैल्शियम के स्तर को कंट्रोल करता है. हाइपरपैराथायरायडिज्म ट्यूमर की समस्या खून में पैराथायराइड हार्मोन का लेवल बढ़ने से होती है.

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हड्डियों में दर्ज, कमजाेरी हैं इसके लक्षण

डॉ. चंबर ने बताया कि खून में पैराथायराइड हार्मोन का लेवल बढ़ने से कमजोरी, थकान और हड्डियों में दर्द समेत कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं. यह ट्यूर हड्डियों या शरीर के कोमल ऊतकों में बढ़ने का कारण बनता है. अगर इन ट्यूमर का समय रहते पता चल जाता है, तो वह पूरी तरह से सर्जरी के जरिए ठीक किया जा सकता है.

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