
दिल्ली में सर्दियों के मौसम में बढ़ने वाली प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने विंटर एक्शन प्लान को लेकर 05 सितंबर को दिल्ली सचिवालय में सभी संबंधित 30 विभागों के साथ बैठक की. इस बैठक में पर्यावरण विभाग, डीपीसीसी, विकास विभाग, दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड, सीपीडब्लूडी, डीडीए, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, दिल्ली पुलिस, डीटीसी, राजस्व विभाग, डीएसआईआईडीसी, शिक्षा विभाग, डीएमआरसी , पीडब्लूडी, ट्रांसपोर्ट विभाग, एनएचएआई, दिल्ली जल बोर्ड, एनडीएमसी आदि के अधिकारी शामिल रहें.
बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री ने बताया कि सभी विभागों को निर्धारित 15 फोकस बिंदुओं पर अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिसके अनुसार, विंटर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा. सभी विभागों को 7 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट एवं सुझावों को पर्यावरण विभाग को सौंपने का निर्देश दिया गया है, जिसके आधार पर 15 सितंबर तक पर्यावरण विभाग को विंटर एक्शन प्लान के तहत विस्तृत कार्ययोजना सरकार को सौंपने का निर्देश दिया गया है.
पिछले दिनों पर्यावरण, डीपीसीसी, विकास और वन विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्य तौर पर 15 सूत्रीय फोकस बिंदु चिंहित किए गए थे. उन 15 फोकस बिंदुओं के आधार पर कार्ययोजना तैयार करने के लिए दिल्ली के अंदर जितनी प्रमुख एजेंसियां हैं, उनके अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक आयोजित की थी. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दिल्ली के अंदर प्रदूषण के खिलाफ संयुक्त कार्य योजना का निर्माण करना है.
अलग-अलग विभागों को विंटर एक्शन प्लान के तहत निर्धारित 15 फोकस बिंदुओं पर विशिष्ट कार्य सौपे गए हैं, जिस पर सभी विभाग 7 सितंबर तक अपनी प्राथमिक रिपोर्ट पर्यावरण विभाग को देंगे और यदि सौंपी गई रिपोर्ट में पर्यावरण विभाग द्वारा कोई कमी देखी गई तो उसकी रिवाइज्ड रिपोर्ट विभाग को 10 सितंबर तक जमा करने के निर्देश दिए गए है. इसी के आधार पर 15 सितंबर तक पर्यावरण विभाग को विंटर एक्शन प्लान के तहत विस्तृत कार्ययोजना सरकार को सौंपने का निर्देश दिया गया है.
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि विंटर एक्शन प्लान के तहत मुख्य तौर पर 15 सूत्रीय फोकस बिंदु चिंहित किए गए है. इसी के आधार पर आगे का विंटर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा.
1. पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की समस्या को लेकर विकास एवं राजस्व विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है.
2. धूल प्रदूषण के लिए पीडब्लूडी , एमसीडी, डीसीबी, एनडीएमसी, डीडीए, सीपीडब्लूडी, आई एन्ड एफसी , डीएसआईआईडीसी, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली मेट्रो और राजस्व विभाग को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है.
3. वाहनों से होने वाले प्रदूषण के लिए नोडल एजेंसी के तौर पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, ट्रांसपोर्ट विभाग , डीआईएमटीएस, डीटीसी, दिल्ली मेट्रो और जीएडी को नियुक्त किया गया है.
4. ओपन कूड़ा बर्निंग के लिए नोडल एजेंसी के तौर पर एमसीडी , एनडीएमसी, डीसीबी, विकास विभाग , आई एन्ड एफसी, दिल्ली फायर सर्विस , डीडीए एवं राजस्व विभाग को नियुक्त किया गया है.
5. औद्योगिक प्रदूषण के लिए नोडल एजेंसी के तौर पर एमसीडी, राजस्व , डीएसआईआईडीसी और डीपीसीसी को नियुक्त किया गया है.
6. ग्रीन वॉर रूम एवं ग्रीन ऐप को और बेहतर बनाने के लिए डीपीसीसी को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है.
7. हॉट स्पॉट पर निगरानी का काम करने के लिए एमसीडी , डीपीसीसी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस , डीडीए , डीएसआईआईडीसी को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है.
8. रियल टाईम अपोरशमेंट स्टडी के लिए आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर काम किया जा रहा है, जिससे की रियल टाईम प्रदूषण से संबंधित कारणों का पता चल सके. डीपीसीसी को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है.
9. स्मॉग टावर के लिए डीपीसीसी को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है , जिसकी पहली रिपोर्ट विभाग द्वारा 15 सितंबर से जारी की जाएगी.
10. ई-वेस्ट ईको पार्क - भारत का पहला ई वेस्ट ईको पार्क जीरो वेस्ट पॉलिसी पर बनाया जा रहा है. इसकी नोडल एजेंसी पर्यावरण विभाग , डीएसआईआईडीसी और एमसीडी को नियुक्त किया गया है.
11. हरित क्षेत्र को बढ़ाना/ वृक्षारोपण- दिल्ली में हरित क्षेत्र को बढ़ाने पर ज़ोर देते हुए वन विभाग को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है.
12. अर्बन फार्मिग के लिए नोडल एजेंसी पर्यावरण विभाग को बनाया गया है.
13. इको क्लब एक्टीविटी/ जन भागीदारी के बढ़ावा देने के लिए पर्यावरण विभाग को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है.
14. पटाखे जलाने पर रोक लगाने के लिए भी पर्यावरण विभाग और दिल्ली पुलिस को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है.
15. केन्द्र सरकार एवं पड़ोसी राज्यों के साथ संवाद - दिल्ली में देखा गया है की प्रदूषण को बढ़ाने में आसपास के राज्य के कारक भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं, इसी कारण केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों के साथ संवाद स्थापित किया जाएगा ताकि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक संयुक्त कार्य योजना बनाई जा सके.