
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को लगातार पांचवें दिन हवा की गुणवत्ता खराब रही और पराली जलाने से राजधानी के पीएम 2.5 प्रदूषण में आठ फीसदी का योगदान रहा. हालांकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, विस्तारित मानसून के मौसम और अक्टूबर में रिकॉर्डतोड़ बारिश ने दिल्ली को चार साल में अक्टूबर महीने में सबसे अच्छी वायु गुणवत्ता प्रदान की.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी SAFAR के अनुसार, शनिवार को दिल्ली के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में 1,734 से अधिक खेतों में आग देखी गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि राजधानी में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 289 दर्ज किया गया जबकि शनिवार को यह 268 था.
AQI शून्य और 50 के बीच को "अच्छा", 51 और 100 के बीच "संतोषजनक", 101 और 200 के बीच "मध्यम", 201 और 300 के बीच "खराब", 301 और 400 के बीच "बहुत खराब", और 401 और 500 के बीच "गंभीर" माना जाता है.
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SAFAR ने कहा कि हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व में बदलने के कारण अगले दो दिनों में हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार होने की संभावना है.
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) पर उपसमिति ने गुरुवार को दिल्ली और एनसीआर के अधिकारियों को जीआरएपी के तहत "खराब" से "मध्यम" एक्यूआई श्रेणी के तहत सूचीबद्ध कदमों के अलावा "बहुत खराब" श्रेणी के तहत उपायों को लागू करने का निर्देश दिया था.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, विस्तारित मानसून के मौसम और अक्टूबर में रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने दिल्ली को चार साल में महीने में सबसे अच्छी वायु गुणवत्ता प्रदान की.
यह भी चार सालों में पहली बार है कि दिल्ली ने अक्टूबर में एक भी दिन "बहुत खराब" या "गंभीर" वायु गुणवत्ता नहीं देखा, जो आम तौर पर राजधानी में प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों और उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में पराली जलाने के कारण प्रदूषण के स्तर में तेज वृद्धि दर्ज करता है. हालांकि, राजधानी ने इस साल अक्टूबर में "अच्छा" वायु दिवस दर्ज किया, वह भी चार साल में पहली बार हुआ.