
दिल्ली में शराब घोटाले पर आम आदमी पार्टी की सरकार पर विपक्ष चौतरफा हमलावर है. अब कांग्रेस के महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बड़ा हमला किया है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल ये सवाल कर रहे हैं कि शराब नीति में घोटाला कहां हुआ है. केजरीवाल स्वयं राजस्व सेवा से जुड़े अधिकारी रहे हैं. उनसे बेहतर यह कौन बता सकता है कि घोटाला क्या हुआ है. इसके बाद भी अगर उनको समझ नहीं आया है तो वह उनको इस मामले में खुली बहस की चुनौती देते हैं.
अजय माकन का कहना था कि वह केजरीवाल को बहस में बताएंगे कि शराब नीति में घोटाला कहां हुआ है. माकन ने इसके साथ ही भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम और डीडीए को भी कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान 2021 के नियमों के तहत आवासीय इलाकों में शराब की दुकान खुल ही नहीं सकती है. ऐसे में दिल्ली नगर निगम और डीडीए को यह बताना चाहिए कि उसने आवासीय इलाकों में शराब की दुकानों को नियमों के तहत सील क्यों नहीं किया. इसके लिए उनके उपर बीजेपी के किन नेताओं का दबाव था.
पहले कहते थे आवासीय इलाके में दुकानें खोलना गलत
अजय माकन ने अपने दावे के समर्थन में मास्टर प्लान की कॉपी दिखाई और उसके प्रावधानों को भी पढ़कर सुनाया. अजय माकन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का 26 नवंबर 2014 का एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें केजरीवाल यह कहते हुए देखे जा रहे हैं कि आवासीय इलाकों में शराब की दुकान खोलना गलत है, इसकी वजह से वहां पर काफी गड़बड़ी होती है. महिलाएं इसका विरोध करती है. केजरीवाल आगे कह रहे हैं कि उनकी सरकार आने पर महिलाओं के कहने पर आवासीय इलाकों में शराब की कोई दुकान नहीं खोली जाएगी.
अब महिलाओं के विरोध के बावजूद नहीं सुन रहे
केजरीवाल वीडियो में कहते हैं कि महिलाओं को ये अधिकार होगा कि वे आवासीय इलाकों में शराब की दुकानों को बंद करा पाएंगी. उनकी इस बात पर मनीष सिसोदिया भी ताली बजाते हुए नजर आ रहे हैं. अजय माकन ने कहा कि आखिर आठ साल में ऐसा क्या हो गया कि महिलाओं को इस तरह का अधिकार देने की बात करने वाला महिलाओं के विरोध के बावजूद भी आवासीय क्षेत्रों में शराब की दुकानों को खोल रहा है. इसमें क्या गड़बड़ी है?
मास्टर प्लान में आवासीय इलाके में नहीं खुल सकती शराब दुकान
माकन ने कहा कि जब वह केंद्रीय शहरी विकास मंत्री थे, उस समय मास्टर प्लान 2021 दिल्ली के लिए तैयार किया गया था. उसके 15वें अध्याय में साफ लिखा हुआ है कि आवासीय क्षेत्रों में शराब की दुकान नहीं खुलेगी. यह निर्णय कांग्रेस सरकार ने किया था. इसे कानूनी रूप देने के लिए मास्टर प्लान में शामिल किया गया था. इस नियम के तहत 7 तरह के कार्य आवासीय क्षेत्र, फिर वह मिश्रित उपयोग भूमि क्यों ना हो, इसमें प्रतिबंधित किए गए थे. पांचवें स्थान पर शराब की दुकान थी.
किसके दबाव में खुली शराब दुकानें...
कांग्रेस सरकार ने मास्टर प्लान में कहा था कि शराब की दुकान केवल डीडीए शापिंग कॉम्पलैक्स या मॉल में ही खुल सकते हैं, ऐसे में सीबीआई अपनी जांच में यह भी पता करे कि भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम और डीडीए ने किसके दबाव में आवासीय क्षेत्रों में खुली शराब की दुकानों को सील नहीं किया. इसमें भाजपा और आम आदमी पार्टी में क्या दोस्ताना है.
अजय माकन ने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल शराब नीति में गड़बड़ी कुछ मुख्य बिंदुओं पर हुई है.
1. दिल्ली सरकार ने एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई. इसने कहा कि थोक शराब का काम केवल सरकार करे. जैसा कि कर्नाटक में होता है.
2. रिटेल के लिए कहा गया कि एक व्यक्ति को अधिकतम दो लाइसेंस ही दिए जाएं.
3. उत्पादक को होलसेल या रिटेल का काम नहीं दिया जाए.
एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश क्यों नहीं मानी....
उन्होंने सवाल किया कि दिल्ली सरकार ने अपनी ही एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश को नहीं माना. जब उनकी सिफारिश माननी ही नहीं थी तो कमेटी का गठन क्यों किया गया. दिल्ली सरकार ने उत्पादक को ही थोक और रिटेल में नाम बदलकर लाइसेंस हासिल करने का अवसर दे दिया. इससे चुनिंदा ब्रांड और कंपनी को लाभ हुआ. इसके पीछे क्या गड़बड़ी है. केजरीवाल को ये भी बताना चाहिए.
एक व्यक्ति को 25-30 लाइसेंस दे दिए
माकन ने कहा कि राजस्थान में लॉटरी से दुकान देने की नीति है. वहां पर अधिकतम एक व्यक्ति को दो ही लाइसेंस दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की एक्सपर्ट कमेटी के हिसाब से एक व्यक्ति को दो ही लाइसेंस दिए जा सकते थे. दिल्ली में कुल 849 दुकान खुलनी थी. हालांकि 460 दुकानें खोली गई. एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश से करीब 425-430 लाइसेंस ही दिए जाने चाहिए थे. लेकिन दिल्ली सरकार ने इसकी जगह दिल्ली को 32 जोन में बांट दिया गया. एक-एक व्यक्ति को 25-30 लाइसेंस दे दिए गए. आखिर यह क्या गड़बड़ी है.
शराब कारोबारियों पर इतनी दरियादिली क्यों?
अजय माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने शराब कारोबारियों के लगभग 144 करोड़ रुपये माफ कर दिए हैं. यह कहा गया कि उनको कोरोना में नुकसान हुआ है. इसी वजह से उनको यह राहत दी गई है. ऐसे में इतनी दरियादिली और सहानुभूति केजरीवाल सरकार ने छोटे दुकानदारों, किरायेदारों, स्कूल संचालकों को लेकर क्यों नहीं दिखाई. उनके बिजली के बिल क्यों माफ नहीं किए गए. एयरपोर्ट पर लाइसेंस नहीं मिलने पर एक दुकानदार को 30 करोड़ रूपये की राहत दे दी गई. लेकिन आम आदमी को कोई राहत नहीं दी गई. यह क्या गड़बड़ी है.
सबसे पहले अपनी बात पर अमल करें केजरीवाल
माकन ने कहा कि पहले यही केजरीवाल कहते थे कि अगर किसी मंत्री पर आरोप हो तो उसके इस्तीफा दिए बगैर उसके मामले की सही जांच नहीं हो सकती है. कांग्रेस के ईमानदार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बार-बार उनके मंत्रियों के इस्तीफा मांगे गए. ऐसे में अरविंद केजरीवाल को अपनी ही बात पर अमल करते हुए सबसे पहले मनीष सिसोदिया का इस्तीफा लेना चाहिए. इसके अलावा इस मामले में खुली बहस में शामिल होते हुए केजरीवाल को हमारे सवालों के जवाब देने चाहिए.