
डेंगू से निपटने के लिए दिल्ली के सभी अस्पतालों, दिल्ली नगर निगम के सभी अस्पतालों, कैंट एरिया के सभी अस्पतालों और केंद्र सरकार के अस्पतालों के अधिकारियों और मेडिकल सुप्रीडेंटेड के साथ अहम बैठक हुई. स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बैठक के दौरान सभी अस्पतालों के अधिकारियों को निर्देश जारी किया कि जिस प्रकार से कोविड के दौरान सभी अस्पतालों में मरीज़ों के लिए बेड आरक्षित किए गए थे, इसी प्रकार डेंगू जैसी बीमारी से निपटने के लिए भी सभी अस्पताल मौजूदा बेड्स की संख्या का 5% डेंगू के मरीजों के लिए आरक्षित रखें.
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक डेंगू एक ऐसी बीमारी है, जिसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या बहुत तेजी से गिरती है. इसकी वजह से मरीज की जान जा सकती है. ऐसी गंभीरता को देखते हुए सभी अस्पताल के अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि अस्पताल में आने वाले बुखार के मरीजों की टेस्ट रिपोर्ट 6 से 8 घंटे के भीतर मंगवाई जाए ताकि यदि उस मरीज को डेंगू बुखार है, तो तुरंत प्रभाव से उसका इलाज किया जा सके.
पोर्टल पर रोजाना की रिपोर्ट देंगे सभी अस्पताल
सभी अस्पताल के अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए गए कि जिस प्रकार से कोविड महामारी के दौरान दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर सभी अस्पताल अपने प्रतिदिन की रिपोर्ट दर्ज कराते थे, उसी प्रकार से इस डेंगू बीमारी की गंभीरता को देखते हुए भी सभी अस्पताल दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर उनके अस्पतालों में आने वाले डेंगू के मरीजों की प्रतिदिन की जानकारी दर्ज कराएंगे. ताकि इस बात का पता चलता रहे कि दिल्ली में डेंगू के मरीजों की अभी क्या स्थिति है और किसी भी प्रकार की आने वाली आपदा से निपटने के लिए व्यवस्थाएं की जा सके.
डेंगू के मरीजों के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था की जाएगी
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, डेंगू और मच्छर के काटने से फैलने वाली एक ऐसी बीमारी है कि यदि कोई मच्छर डेंगू के मरीज को काटकर किसी सामान्य व्यक्ति को काट ले तो उसको भी डेंगू होने का खतरा बन जाता है. इसलिए सभी अस्पतालों के अधिकारियों को अपने-अपने अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए एक अलग वार्ड बनाने के निर्देश दिए.
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ऐसा करने से जो अस्पताल में अन्य बीमार और सामान्य बीमारी वाले लोग हैं, वह डेंगू के खतरे से बचे रहेंगे और डेंगू के लिए अलग वार्ड बनाकर वहां पर डॉक्टरों की और दूसरे नर्सिंग स्टाफ की तैनाती की जाए. अलग वार्ड के साथ-साथ सभी डेंगू के मरीजों के बेड के चारों तरफ मच्छरदानी लगाने के भी निर्देश दिए, ताकि किसी भी प्रकार से कोई मच्छर डेंगू के मरीजों को काटकर किसी दूसरे मरीज तक ना पहुंच सके और डेंगू की बीमारी की आसानी से रोकथाम की जा सके.
हालांकि बैठक में किसी भी अस्पताल के अधिकारी ने डेंगू को लेकर अभी तक कोई आपदा जैसी स्थिति का जिक्र नहीं किया. बैठक से अधिकारियों के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में अभी हालात बिल्कुल सामान्य हैं.