
एक तरफ दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन पर जमे हुए हैं तो वहीं विपक्ष भी मोदी सरकार पर किसान कानून वापस लेने की मांग पर अड़ा हुआ है. कांग्रेस की नेता अलका लांबा ने रविवार को चांदनी चौक में किसानों के समर्थन में पैदल मार्च किया और केंद्र सरकार के खिलाफ़ जमकर नारेबाजी की.
दरअसल, अलका लांबा ने मजनूं का टीला इलाके में किसानों की मांगों का समर्थन करने के लिए एक कार्यक्रम का ऐलान किया था. रविवार सुबह 11 बजे से ही मजनूं का टीला पर पुलिस बल को तैनात किया गया था. करीब 11:30 बजे अलका लांबा अपने कांग्रेस समर्थकों के साथ नारेबाजी करते हुए और तिरंगा लहराते हुए पहुंचीं.
अलका लांबा किसानों के समर्थन में 'जय जवान, जय किसान' का नारा लगा रहीं थीं और एक पोस्टर दिखाकर केंद्र सरकार का विरोध भी करती नज़र आईं. इस दौरान बिना देरी किए दिल्ली पुलिस की महिला जवानों ने अलका लांबा को हिरासत में ले लिया.
पुलिस द्वारा हिरासत में ले जाते समय अलका लांबा ने 'आजतक' से कहा कि "किसानों को श्रद्धांजलि देने आई हूं. 70 दिन में 170 जवान शहीद हो गए. केंद्र सरकार सुनना नहीं चाहती है. हम दिल्ली पुलिस के खिलाफ नहीं बल्कि केंद्र सरकार की तानाशाही के खिलाफ हैं. उम्मीद करते हैं कि केंद्र की सरकार काले कानून को वापस लेगी.
अलका लांबा ने किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों पर सवाल उठाए. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, "केंद्र सरकार तानाशाही से लोकतंत्र की आवाज को कुचल नहीं सकती है. किसानों से बातचीत नहीं हो रही है बल्कि तानाशाही हो रही है. देशद्रोह के मामले थोप कर लोकतंत्र की आवाज को दबाया जा रहा है."