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कोरोना से जंग! अमित शाह का 12 सूत्रीय प्लान, एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाए जाएंगे डॉक्टर्स

दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने शनिवार को आपात बैठक बुलाई थी. इस दौरान उन्होंने 12 सूत्रीय प्लान बैठक में शामिल लोगों के सामने रखा. उन्होंने टेस्टिंग बढ़ाने, उपकरण मुहैया कराने और दिल्ली में एयलिफ्ट कर और डॉक्टरों की तैनाती समेत कई अहम बातें रखी हैं.

दिल्ली में कोरोना से जंग की कवायद तेज हो गई है.(फोटो-ट्विटर) दिल्ली में कोरोना से जंग की कवायद तेज हो गई है.(फोटो-ट्विटर)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 15 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:35 PM IST
  • दिल्ली में कोरोना से जंग लड़ने की कवायद तेज
  • एयरलिफ्ट किए जाएंगे डॉक्टर्स
  • टेस्टिंग और ट्रैकिंग पर जोर देने के निर्देश

राजधानी दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपात बैठक में 12 सूत्रीय प्लान  सुझाया है. दिल्ली में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को देखते हुए  CAPF से अतिरिक्‍त डॉक्टर और पैरा मेडिकल को एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाए जाने का फैसला लिया गया है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन समेत कई वरिष्ठ नेता और अधिकारी इस बैठक में मौजूद रहे. इस बैठक में केंद्र की तरफ से दिल्ली को आईसीयू बेड देने और अन्य उपकरण मुहैया कराने की भी बात कही गई है. अमित शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट में दिल्ली में कोरोना पर काबू पाने का 12 सूत्रीय कार्यक्रम साझा किया है.

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अमित शाह ने ट्वीट में बताया है कि कोरोना पर नियंत्रण पाने के लिए हुई बैठक में विभिन्न निर्देश दिए गए हैं. इनमें दिल्ली में RT-PCR टेस्ट में दो-गुना वृद्धि करने की बात कही गई है. साथ ही दिल्‍ली में लैबों की क्षमता का अधिक से अधिक उपयोग करके, जहां कोविड होने का खतरा ज़्यादा है, वहां स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय तथा ICMR की मोबाइल टेस्टिंग वैनों को तैनात करने का फैसला लिया गया है.

शाह के ट्वीट के मुताबिक दिल्ली में अस्पतालों की क्षमता तथा अन्‍य मेडिकल इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर की उपलब्‍धता में वृद्धि की जानी चाहिए.इसी दिशा में मई में बनाए गये धौला कुआं स्थित DRDO के कोविड अस्पताल में 250 से300 ICU बेड और शामिल किए जाएंगे, जिसे गम्भीर कोविड रोगियों का वहाँ इलाज किया जा सके.

ट्वीट में इस बात का भी जिक्र है कि ऑक्‍सीजन की सुविधा वाले बेडों की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्‍य से छतरपुर के 10,000 बेड वाले कोविड सेंटर को और सशक्त किया जाएगा. साथ ही MCD के कुछ चिन्हित अस्‍पतालों को हल्‍के-फुल्‍के लक्षण वाले कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए डेडिकेटेड अस्‍पतालों के रूप में परिवर्तित किया जाएगा.

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सिलसिलेवार ट्वीट्स में उन्होंने लिखा है, कोविड-19 संबंधी मेडिकल इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर की उपलब्‍धता तथा मरीजों की भर्ती की स्थिति के इंस्पेक्शन तथा पहले लिए निर्णय के अनुसार, बेडों की उपलब्धता की सही स्थिति को स्‍पष्‍ट रूप से दर्शाने के लिए, डेडिकेटेड बहु-विभागीय टीमें, दिल्‍ली के सभी प्राइवेट अस्‍पतालों में जाएंगी.

इसके आलावा पहले शुरू किए गए सारे कंटेनमेंट उपायों की समीक्षा हो, जैसे कंटेनमेंट जोनों की स्‍थापना, कंटेक्‍ट ट्रेसिंग तथा क्वारंटीन और स्‍क्रीनिंग.विशेषकर वह लोग जिन्हें कोविड होने का खतरा अधिक है उनकी लगातार समीक्षा की जानी चाहिए ताकि रोकथाम उपायों को लागू करने में कोई कमी ना रह जाए.

अपने ट्वीट के आठवें प्वाइंट में उन्होंने डॉक्टरों को एयरलिफ्ट करने की बात कही है, ट्वीट में लिखा गया है,  केंद्रीय सशक्त पुलिस बलों ने कोरोना से लड़ने में देश और दिल्ली की जनता का बहुत सहयोग किया है. मोदी सरकार ने दिल्ली में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को देखते हुए CAPF से अतिरिक्‍त डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ देने का निर्णय किया है, उन्हें शीघ्र ही एयरलिफ्ट करके दिल्ली लाया जायेगा.

इसके अलावा रविवार को हुई बैठक में यह भी निर्देश दिए कि कोविड-19 के होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों की ट्रैकिंग रखने तथा तत्‍काल मेडिकल सुविधा की आवश्‍यकता पड़ने पर उनको तुरंत कोविड अस्‍पतालों में शिफ्ट करने की जरूरत पर विशेष रूप से बल दिया जाए। जिससे अधिक से अधिक लोगों के जीवन को बचाया जा सके.

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केंद्र सरकार की तरफ से गंभीर कोरोना मामलों में प्‍लाज्‍मा डोनेशन और प्रभावित व्यक्तियों को प्‍लाज्‍मा प्रदान किए जाने के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने के निर्देश दिए. डॉ. वी के पॉल, निदेशक एम्‍स और महानिदेशक ICMR के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति इसपर जल्द ही रिपोर्ट देगी.

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अमित शाह के मुताबिक दिल्ली में अधिक से अधिक लोगों की जान बचने के लिए केंद्र सरकार दिल्ली को ऑक्सीजन सिलिंडर, High Flow Nasal Cannula व् अन्य सभी जरुरी स्वास्थ्य उपकरण उपलब्ध करवाएगी. सुरक्षा ही कोरोना का एक मात्र उपाय है, इसलिए लोगों को COVID-19 Behaviour के बारे में बताने तथा लंबे समय में मेडिकल और स्‍वास्‍थ्‍य मानदंडों पर इससे पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव के बारे में जानकारी देने के लिए दिल्ली में ठोस संवाद कार्यनीति होनी चाहिए. इसके लिए भी निर्देश दिए.

 

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