
प्रदूषण लंबे समय से राजधानी दिल्ली की बड़ी समस्या रही है लेकिन इस साल लगातार हो रही बारिश के चलते प्रदूषण से काफी हद तक राहत मिलती नजर आ रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, पिछले आठ सालों में जनवरी से मई के बीच इस साल सबसे कम प्रदूषण देखने को मिला है. हालांकि कोरोना काल वाले साल 2020 को इस तुलना से हटा दिया गया है क्योंकि लॉकडाउन के कारण उस दौरान प्रदूषण करने वाली सभी चीजों पर पाबंदी थी.
सात सालों में इस बार सबसे कम प्रदूषण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली ने पिछले 07 सालों की तुलना में यानी 2016 से 2023 (2020 को छोड़कर-लॉकडाउन का वर्ष) की तुलना में 2023 के दौरान सबसे कम औसत एक्यूआई दर्ज किया गया है. 08 सालों (2016-2023) के दौरान पहले पांच महीनों में (जनवरी से मई) इस साल औसत एक्यूआई सबसे कम रहा.
2023 में रहा सबसे कम AQI
अच्छी हवा वाले दिनों की तादाद बढ़ी
2016 से पिछले 07 सालों की इसी अवधि की तुलना में दिल्ली में 2023 में 'अच्छी' से 'मध्यम' वायु गुणवत्ता दिनों की अधिकतम संख्या देखी गई है (2020 को छोड़कर). 08 सालों (2016-2023) के दौरान पहले पांच महीनों की अवधि के दौरान 'अच्छे से मध्यम' AQI वाले दिनों का तुलनात्मक चार्ट नीचे दिखाया गया है.
2023 में 'अच्छी' से 'मध्यम' वायु गुणवत्ता दिनों की संख्या 74 रही यानी 74 दिन एक्यूआई 'अच्छी' से 'मध्यम' के बीच रहा. वहीं, 2016 में इन दिनों की संख्या केवल 15 थी. बता दें कि शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI ‘गंभीर’ माना जाता है.