
दिल्ली के नामी अपोलो अस्पताल के किडनी रैकेट मामले में गिरफ्तार किए गए पति-पत्नी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि दोनों ने लोन चुकाने के लिए अपनी किडनी बेची. दोनों ने ये लोन अपने बेटे के पैर के ऑपरेशन के लिए लिया था.
पत्नी नीलू को 4 लाख और पति उमेश को 3 लाख अपनी किडनी बेचने के लिए मिले. पुलिस ने इस रैकेट के मास्टरमाइंड टी. राजकुमार राव और तीन अन्य को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. अभी तक कुल 9 गिरफ्तार हो चुके हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पहले गिरफ्तार पांच लोगों से पूछताछ के बाद इन तीनों की गिरफ्तारी हुई है जिनके नामों का पुलिस ने अभी तक खुलासा नहीं किया है.
अधिकारी ने कहा कि ये तीनों गिरोह से जुड़े हुए डोनर हैं. दो की गिरफ्तारी कानपुर से हुई है जबकि तीसरे की गिरफ्तारी सिलीगुड़ी से हुई है.
किडनी रैकेट का अड्डा अपोलो अस्पताल
ये बातें अजीब लगती हैं, लेकिन अब दिल्ली पुलिस के खुलासे से साफ है कि यह अस्पताल इस गोरखधंधे का अड्डा बन चुका है. दिल्ली पुलिस को तब पहली बार इस रैकेट का पता चला जब एक दंपति आपसी झगड़े की शिकायत लेकर अस्पताल के सामने मौजूद सरिता विहार थाने में पहुंची. दरअसल, दोनों किडनी के बंदरबांट के धंधे के मोहरे थे और दोनों के बीच किडनी की खरीद-फरोख्त की रकम को लेकर ही लड़ाई हो गई थी.