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'आपके सरकारी स्कूल देखने कब आऊं?', केजरीवाल ने Twitter पर हिमंत बिस्वा से फिर पूछा सवाल

अरविंद केजरीवाल और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के बीच छिड़ा ट्विटर वॉर रविवार को भी जारी रहा. दोनों ही मुख्यमंत्रियों ने ट्वीट कर एक-दूसरे पर तंज कसते हुए सवाल पूछा. इस कड़ी में रविवार को मुख्यमत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर सीएम हिमंत बिस्वा से पूछा कि आपके सरकार स्कूल देखने कब आऊं.

अरविंद केजरीवाल और हिमंत बिस्वा अरविंद केजरीवाल और हिमंत बिस्वा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:46 AM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के बीच छिड़ा ट्विटर वॉर रविवार को भी जारी रहा. दोनों ही मुख्यमंत्रियों ने ट्वीट कर एक-दूसरे पर तंज कसते हुए सवाल पूछा. दरअसल, दोनों मुख्यमंत्री पिछले कई दिनों से ट्विटर पर ट्वीट करते हुए एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. इस कड़ी में रविवार को मुख्यमत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर सीएम हिमंत बिस्वा से पूछा कि आपके सरकार स्कूल देखने कब आऊं. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "आपने मेरे प्रश्न का जवाब नहीं दिया. आपके सरकारी स्कूल देखने कब आऊं? अगर स्कूल अच्छे नहीं हैं तो कोई बात नहीं. मिल के ठीक करेंगे ना."

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बता दें कि केजरीवाल का यह ट्वीट हिमंत बिस्वा के एक ट्वीट के जवाब में आया है, जिसमें सीएम हिमंत ने सवाल करते हुए लिखा, "आप दिल्ली को लंदन और पेरिस जैसा बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए थे, याद है न अरविंद केजरीवाल जी? कुछ नहीं कर पाए तो दिल्ली की तुलना असम व नॉर्थईस्ट के छोटे शहरों से करने लगे! यकीन मानिए, दिल्ली जैसा शहर व संसाधन BJP को मिले, तो पार्टी उसे विश्व का सबसे समृद्ध शहर बनाएगी."

कैसे शुरू हुआ ट्विटर वॉर 

गौरतलब है कि दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच छिड़ा ये ट्विटर वॉर तब शुरू हुआ जब गुवाहाटी में सार्वजनिक क्षेत्र के 16 स्कूलों के बंद होने के बाद राज्य सरकार ने राज्य के 34 और स्कूलों को बंद करने का नोटिस जारी किया था. राज्य सरकार ने ऐसे 34 स्कूलों को नोटिस दिया है, जहां एक भी छात्र 2022 में हाईस्कूल लीविंग सर्टिफिकेट परीक्षा में पास नहीं हुआ. इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने आजतक की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि स्कूलों को बंद करना कोई समाधान नहीं है. हमें तो अभी पूरे देश में ढेरों नए स्कूल खोलने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि स्कूल बंद करने की बजाय स्कूल को सुधार कर पढ़ाई ठीक कीजिए.

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