
सोमवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपनी बेहद महत्वाकांक्षी योजना डोर स्टेप डिलीवरी को लॉन्च कर दिया. इस योजना को पहले दिन काफी अच्छा रिस्पॉन्स भी मिला. यहां तक कि फोन कॉल्स की बाढ़ सी आई गई. जिसे देखते हुए सरकार ने टेलीफोन लाइंस बढ़ाने का भी फैसला किया. वहीं, सरकार के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद योजना की निगरानी कर रहे हैं और हर घंटे आंकड़ों पर नजर बनाए हुए हैं.
ऐसा रहा सर्विस का पहला दिन
1. लॉन्च के पहले दिन यानी 10 सितंबर की शाम 6 बजे तक कुल 2,728 कॉल्स कनेक्ट हो पाईं. इनमें से 1,286 कॉल्स का जवाब दिया गया. सरकार के मुताबिक बाकी कॉल्स वेटिंग लाइन पर थीं, जो कॉल बैक की प्रोसेस में हैं.
2. पहले दिन विभिन्न सेवाओं के लिए कॉल करने वालों में से शाम 6 बजे तक 369 लोगों का अपॉइंटमेंट फिक्स कर दिया गया. इनमें से 7 लोगों के घर जाकर टीम ने जरूरी दस्तावेज लिए.
3. लॉन्च की शाम 6 बजे तक हेल्पलाइन नंबर 1076 पर 21,000 से ज्यादा कॉल्स की कोशिश हुई लेकिन हेवी ट्रैफिक की वजह से ये कनेक्ट नहीं हो पाईं. सभी यूनीक नंबरों को कैप्चर कर लिया गया है और उन्हें अब कॉल सेंटर की तरफ से संपर्क किया जाएगा.
4. पहले दिन हेल्पलाइन पर कॉल्स की इस तादाद को देखते हुए 11 सितंबर से ऑपरेटरों की संख्या को 40 से बढ़ाकर 80 किया जा रहा है.
5. इसके अलावा मंगलवार से टेलीफोन लाइन्स की संख्या को भी 50 से बढ़ाकर 120 किया जाएगा.
दिल्ली सरकार के मुताबिक आने वाले दिनों में पहले दिन की तुलना में कॉल्स की संख्या में कमी आने का अनुमान है, क्योंकि पहले दिन महज जिज्ञासावश कॉल्स करने वालों की भी संख्या थी. साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अगले कुछ दिन तक हर घंटे आंकड़ों पर नजर रखेंगे ताकि कोई समस्या हो तो इसे 2-3 दिन में ठीक कर लिया जाए.
दिल्ली सरकार के मुताबिक इस स्कीम में लोग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए फोन कर सकेंगे. पेंशन के पेपर हो या राशन कार्ड, बर्थ सर्टिफिकेट हो या डेथ, हर प्रकार का प्रमाण पत्र जैसी 40 सर्विसेज के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे. एक कॉल सेंटर होगा, जहां पर लोग कॉल करके यह बताएंगे कि उन्हें कौन सा प्रमाण पत्र बनवाना है. इस दौरान कॉलर जो दिन और समय बताएगा, उसी के अनुसार मोबाइल सहायक लोगों के घर पहुंच जाएगा.
ऐसी मिलेगी सेवा
मोबाइल सहायक का काम होगा कि वह कॉलर के घर जाए और संबंधित सारे डॉक्यूमेंट्स ले, उसे वहीं पर तुरंत ऑनलाइन अपलोड करे. अगर प्रमाण पत्र की जरूरत के अनुसार बायोमेट्रिक जांच की जरूरत होगी तो उसकी मशीन भी वह साथ लेकर जाएगा, उसी समय स्कैन कर अपलोड किया जाएगा. यहां तक कि इस स्कीम के लिए तय की गई 50 रुपए फीस भी वहीं ली जाएगी. अगर उस शख्स का सरकारी दफ्तर में खुद उपस्थित होना जरूरी नहीं होगा तो उसी समय प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा.