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निजी अस्पतालों की लापरवाही पर चुप नहीं रहेगी सरकार: केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मौलाना आजाद अस्पताल में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार ऐसे लापरवाह निजी अस्पतालों के खिलाफ कानूनी रास्ता अख्तियार करेगी.

सीएम अरविंद केजरीवाल (फाइल) सीएम अरविंद केजरीवाल (फाइल)
रणविजय सिंह/आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:53 PM IST

दिल्ली की केजरीवाल सरकार राजधानी के निजी अस्पतालों की नकेल कसने की तैयारी कर रही है. हाल ही में दिल्ली के मैक्स अस्पताल द्वारा मासूम नवजात जिंदा बच्चे को मृत घोषित करने के मामले में काफी तूल पकड़ लिया है. दिल्ली सरकार ने जहां स्वास्थ्य विभाग को इस मामले में जांच करके रिपोर्ट सौंपने को कहा है. वही, पुलिस भी इस मामले में एफआईआर दर्ज करके जांच पड़ताल कर रही है. क्योंकि मामला अनदेखी और लापरवाही से जुड़ा है, इसलिए केजरीवाल सरकार ऐसे निजी अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की तैयारी कर रही है.

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मौलाना आजाद अस्पताल में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार ऐसे लापरवाह निजी अस्पतालों के खिलाफ कानूनी रास्ता अख्तियार करेगी. हालांकि अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि वह प्राइवेट अस्पतालों को बंद करने की मंशा नहीं रखते और न ही उनके काम काज में किसी तरह का खलल पैदा करना चाहते हैं.

हाल ही में गुड़गांव के एक अस्पताल द्वारा डेंगू से बच्चे की मौत हो जाने के बाद परिवार से 10 लाख रुपए का बिल देखने और मैक्स अस्पताल द्वारा नवजात शिशु को मृत घोषित कर दिए जाने की घटना का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि ऐसी घटनाओं पर नकेल कसने की जरूरत है. जब जब निजी अस्पतालों में ऐसा आपराधि‍क लापरवाही होगी तो सरकार चुप नहीं बैठेगी और हस्तक्षेप जरूर करेगी.

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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर और निजी अस्पतालों की भूमिका को उनकी सरकार नजर अंदाज नहीं करती, लेकिन राजधानी में कई निजी अस्पताल इसे बदनाम कर रहे हैं जो सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी.

दिल्ली सरकार के सूत्र बताते हैं कि सरकार फिलहाल ऐसे निजी अस्पतालों पर नजर रख रही है. अरविंद केजरीवाल ने जिस सरकारी हस्तक्षेप और कानूनी रास्ते की बात की है फिलहाल उस पर अभी तक सरकार ने कोई तस्वीर साफ नहीं की है. मौजूदा कानूनों में निजी अस्पतालों के खिलाफ ऐसी घटनाओं में कार्यवाही करने के लिए कानून मौजूद हैं.

फिलहाल दिल्ली सरकार ने यह साफ नहीं किया है कि क्या वह विधानसभा में निजी अस्पतालों पर नकेल कसने के लिए कोई नया मसौदा लाना चाहती है।

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