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CM अरविंद केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन को बताया हीरो, LNJP हॉस्पिटल पहुंचकर लगा लिया गले

Delhi News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से मुलाकात की. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद एक साल न्यायिक हिरासत में रहे पूर्व मंत्री जैन से सीएम केजरीवाल की यह पहली मुलाकात है.

सत्येंद्र जैन से गले मिले CM केजरीवाल. सत्येंद्र जैन से गले मिले CM केजरीवाल.
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली ,
  • 28 मई 2023,
  • अपडेटेड 2:40 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से मुलाकात की. अपनी कैबिनेट के पूर्व साथी जैन से सीएम केजरीवाल की यह मुलाकात करीब एक साल बाद हुई है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद एक साल न्यायिक हिरासत में रहे पूर्व मंत्री जैन को हाल ही में 6 सप्ताह की जमानत मिली है. 

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CM केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन से मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी शेयर की हैं. साथ ही जैन को हीरो और बहादुर आदमी बताया है.  

सत्येंद्र जैन गुरुवार को तिहाड़ जेल के बाथरूम में चक्कर आने के बाद गिर गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था. इसके बाद जैन को डीडीयू अस्पताल से दिल्ली के ही एलएनजेपी अस्पताल में शिफ्ट कराया गया था. शुक्रवार को कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड के आधार पर जैन को 42 दिन की जमानत दी थी. 

बता दें कि सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था. तब से वह तिहाड़ जेल में बंद थे. उन्हें 360 दिन बाद अंतरिम जमानत मिली है. 

किस मामले में गिरफ्तार हुए थे सत्येंद्र जैन

- सत्येंद्र जैन को पिछले साल मई में 2017 के मामले में गिरफ्तार किया गया था. 24 अगस्त 2017 को CBI ने सत्येंद्र जैन और अन्य लोगों के खिलाफ IPC की धारा 109 और प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. ये मामला आय से अधिक संपत्ति का था. 

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- दिसंबर 2018 में CBI ने चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें बताया गया कि 2015 से 2017 के बीच पद पर रहते हुए सत्येंद्र जैन की संपत्ति में इजाफा हुआ है. CBI ने बताया था कि सत्येंद्र जैन के पास उनके ज्ञात स्रोत से हुई कमाई से 200 फीसदी से ज्यादा संपत्ति है. 

- CBI की FIR के आधार पर ED ने भी सत्येंद्र जैन के खिलाफ केस दर्ज किया. ED ने अपनी जांच में कथित तौर पर पाया था कि सत्येंद्र जैन और उनके परिवार के मालिकाना हक और नियंत्रण वाली कंपनियों को हवाला के जरिए पैसा मिला. इसका इस्तेमाल जमीन खरीदने के लिए किया गया.

सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग के क्या आरोप?

- ED ने चार कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू की थी. ये कंपनियां पर्यास इन्फोसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड हैं. इन कंपनियों में सत्येंद्र जैन और उनके परिवार के सदस्य शेयरहोल्डर्स हैं. 

- ED के मुताबिक, विधायक बनने से पहले सत्येंद्र जैन इनमें से तीन कंपनियों में डायरेक्टर थे, जबकि सभी चारों कंपनियों में उनके परिवार की हिस्सेदारी थी. 

- इन कंपनियों ने 2010 से 2012 के बीच 11.71 करोड़ रुपये की रकम की हेराफेरी की. इसके अलावा 2015-16 में जब सत्येंद्र जैन विधायक थे, तब 4.63 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई. 

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- सत्येंद्र जैन ने अपने कर्मचारियों और एसोसिएट्स के जरिए ये पूरा पैसा नकद में कोलकाता स्थित शेल कंपनियों के एंट्री ऑपरेटर्स को दिया. इसके बाद इन ऑपरेटर्स ने इन्वेस्टमेंट के रूप में इस पैसे को इन चारों कंपनियों में लगाया. 

- इन चारों कंपनियों पर कथित तौर पर सत्येंद्र जैन का कंट्रोल था. हालांकि, 2013 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने इन कंपनियों के डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था. 

- बाद में यही पैसा शेल कंपनियों के जरिए शेयर खरीदने के लिए इन्वेस्टमेंट के रूप में आया. इस पैसे से 2010-11 और 2013-14 में 27.69 करोड़ रुपये की खेती की जमीन खरीदी गई थी.

 

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